भाजपा को रामलला के दर्शन कराने के बजाय पिछले 9 सालों में क्या किया यह बताना चाहिए – राज ठाकरे
ठाणे में भाजपा और राकांपा पर बरसे राज ठाकरे। कहा जातिवादी खेल में मनोज जरांगे के पीछे कौन है, यह समय आने पर पता चल जायेगा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे – जातिवाद पैदा कर महाराष्ट्र की शांति को भंग किया जा रहा है, और ये सब तब शुरू हुआ ज़ब आम चुनाव सर पर हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुरुवार को ठाणे में एक सुझावपूर्ण बयान दिया कि मनोज जारांगे पाटिल के पीछे कौन है, यह समय के साथ पता चल जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में राजनीतिक स्थिति उलझी हुई और गंदी है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे गुरुवार को कार्यकर्ताओं की बैठक के लिए ठाणे आए थे, इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जातिवाद पैदा कर महाराष्ट्र की शांति भंग की जा रही है। ये सब ठीक चुनाव से पहले शुरू हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मनोज जारांगे पाटिल के पीछे कौन है, यह हमें समय के साथ पता चलेगा। जो मुद्दे आपको परेशान करते हैं, उन्हीं मुद्दों से आपका ध्यान भटकाया जाता है। राज्य में राजनीतिक स्थिति उलझी हुई और गंदी हो गयी है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को मतदाताओं से डरना चाहिए, लेकिन राजनीतिक दल जाहिर तौर पर मतदाताओं को मूर्ख बनाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता पांच साल तक सड़कों पर गड्ढे और बेरोजगारी की बात करता है और अंत में किसी अन्य मुद्दे पर वोट डालेगा तो उसकी क्या क़ीमत रह जाएगी। मतदाता को सुशिक्षित ही नहीं बल्कि जागरूक भी होना पड़ेगा।
पटाखे कब जलाने हैं, त्योहार कैसे मनाना है, ये कोर्ट तय करता है, लेकिन कोर्ट इस बात पर ध्यान नहीं देता कि आदेश का पालन हुआ भी है या नहीं। यहां के व्यापारी मराठी बोर्डों के खिलाफ कोर्ट जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कि बोर्ड मराठी भाषा में होने चाहिए, सरकार इसे लागू नहीं कर रही है। उन्होंने कहा इसलिए अब हमें कुछ करना होगा। उन्होंने अमित शाह पर टिप्पणी करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि आप जानता को राम मंदिर दिखाने के बजाय अपने पिछले 9 सालों में कि किया है ये दिखाईये। वाजपेयी के समय की भाजपा अलग थी और आज की भाजपा बिल्कुल अलग है। कोई सत्ता की अमरता लेकर नहीं आता, चाल ज़्यादा देर तक नहीं टिकती। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह पलट सकती है।
राकांपा की स्थापना 1999 में हुई तब से राज्य में जातिवाद शुरू हो गया। ऐसा ही रहा तो महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेश बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। हम अपनी स्वार्थी राजनीति के कारण महाराष्ट्र को गर्त में डाल रहे हैं। महाराष्ट्र हर दृष्टि से अग्रणी था। अब महाराष्ट्र की छवि खराब करने का काम किया जा रहा है।