ड्रग तस्कर के साथ शरद पवार गुट के नेताओं की तस्वीर, शिंदे गुट ने पूछा ये रिश्ता क्या कहलाता है
शिंदे गुट की प्रवक्ता मनीषा कायन्दे का गंभीर आरोप, ड्रग तस्कर सलमान फालके के साथ सुप्रिया सुले और जितेन्द्र आव्हाड़ के क्या रिश्ते हैं। गृह मंत्रालय और पुलिस विभाग जाँच करे
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – फिलहाल राज्य में ड्रग तस्करी का मामला बड़े पैमाने पर चर्चा में है। पुलिस विभग द्वारा विविध शहरों में छापेमारी कर ड्रग तस्करी से जुड़े माफियाओं को बेनकाब किया जा रहा है। साथ ही इससे राजनितिक सरगर्मियां भी बढ़ी हुईं नजर आ रही हैं।
एक ओर जंहा शिवसेना युबीटी की उपनेता सुषमा अंधारे शिंदे गुट के विधायकों पर लगातार आरोप लगा रही हैं, वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट की ओर से भी ड्रग तस्कर ललित पाटिल मामले में उद्धव ठाकरे पर सीधा आरोप लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब शिंदे गुट की प्रवक्ता मनीषा कायन्दे ने शरद पवार गुट के राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड़ पर गंभीर आरोप लगाया है। इसके चलते राजनितिक गालियारों ने एक बार फिर आरोप – प्रत्यारोप का राजनितिक प्रतिद्वन्द शुरू हों गया है।
मुंब्रा के ड्रग माफिया सलमान फालके के साथ का फोटो शेयर कर मनीषा कायन्दे ने जितेंद्र आव्हाड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि ड्रग तस्कर फालके के साथ फोटो में आव्हाड़ क्या कर रहे हैं इसका जवाब उन्हें देना चाहिए। सलमान फालके के पास से 54 ग्राम एमडी ड्रग जब्त की गयी थी। इसी सलमान फालके के साथ राकांपा सांसद सुप्रिया सुले का भी फोटो है, सुप्रिया सुले सांसदरत्न हैं, तो इस ड्रग माफिया के साथ उनकी फोटो कैसे है?ऐसा सवाल मनीषा कायन्दे ने मिडिया के सामने खड़ा किया। सुप्रिया सुले और जितेन्द्र आव्हाड़ को इस मामले में जनता को जवाब देना चाहिए। साल 2020 में ड्रग माफिया ललित पाटिल उद्धव ठाकरे की शिवसेना का कार्यकर्ता था, जिसे शिवबंधन बांधते हुए उद्धव ठाकरे की तस्वीर सामने आयी थी। मनीषा कायन्दे ने मांग करते हुए कहा कि गृहमंत्री को इसपर ध्यान देना चाहिए साथ ही पुलिस को भी जाँच करनी चाहिए।
ड्रग माफिया ललित मामले में उसकी कार की जाँच शुरू कर दी गयी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा एक पूर्व महापौर की जाँच की जाएगी, जिसके पास ललित पाटिल की पुरानी कार थी। मामले के तूल पकड़ते ही रातों रात इस कार को सात साल पुरानी करार मर दिया गया। गैरेज मालिक को पैसों का प्रलोभन देकर कार की पुरानी हिस्ट्री तैयार कराई गयी साथ ही कार के चारों पहिये भी बदल दिए गये।
पूर्व महापौर के अनुसार पांच साल से बिल नहीं दिए जाने के चलते कार गैरेज में ही ख़डी थी, मिडिया को गैरेज मालिक ने यह कहकर ध्यान भटकाने का काम किया। महापौर के ललित पाटिल से करीबी संम्बन्ध के चलते ड्राइवर को नौकरी पर भेजा था। इसी ड्राइवर के जरिये ही तस्करी के पैसे के लेनदेन का शक नाशिक पुलिस ने व्यक्त किया है। इसी के चलते पूर्व महापौर की जाँच की जाएगी ऐसा विश्वासनीय सूत्रों ने बताया है।