कोरोना केंद्र गड़बड़ी मामले में ईडी ने दाखिल किया 75 पन्नों का आरोप पत्र
इस आरोप पत्र में संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर समेत 6 पर लगाए आरोप। 32 करोड़ की हेराफेरी का है मामला
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – करोना केंद्र गड़बड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पार्टनर सुजीत पाटकर समेत छह लोगों के खिलाफ शुक्रवार को विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया है। यह 75 पन्नों की चार्जशीट है और आरोप है कि फर्जी दस्तावेज बनाकर करीब 32 करोड़ की हेराफेरी की गई।
अधिकारी ने बताया कि सुजीत पाटकर, डाॅ. हेमन्त गुप्ता, संजय शाह, राजीव सालुंखे, डाॅ. किशोर बिसुरे, लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस कंपनी एवं डाॅ. अरविंद सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस कंपनी को एनएससीआई वर्ली और दहिसर में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने का ठेका दिया गया था। इस संबंध में ईडी ने पाया कि कंपनी द्वारा महानगर पालिका को सौंपी गई उपस्थिति पत्रक और दस्तावेज फर्जी थे। सूत्रों के मुताबिक कोरोना सेंटरों पर कम मेडिकल स्टाफ काम करने के बावजूद फर्जी दस्तावेज बनाकर मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ा दी गई। ईडी की जांच में पता चला कि ये सब सुजीत पाटकर के इशारे पर किया गया था।
पाटकर ने कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई, उन्होंने ही डाॅ. बिसुरे और महानगर पालिका के अन्य अधिकारियों को विश्वास में लेकर इन मेडिकल स्टाफ के भोजन खर्च के दस्तावेज भी मनपा को सौंप दिए गए। लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना करते समय पाटकर ने केवल 12,500 रुपये का निवेश किया था, लेकिन ईडी की जांच में पता चला कि इस गड़बड़ी से मिली बड़ी रकम पाटकर के बैंक खाते में जमा की गई थी। इसके बाद ईडी ने इस मामले में पाटकर और डाॅ.बिसुरे को गिरफ्तार किया गया था। महानगर पालिका से जंबो कोरोना सेंटर के ठेके के लिए लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस को 31 करोड़ 84 लाख 71 हजार 634 रुपये मिले थे। ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि रकम किसके पास पहुंची। जाँच अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई संपत्ति कुर्क नहीं की गई है, साथ ही हमें कुछ संदिग्ध संपत्तियों की जानकारी मिली है।