राज्य की 9 लोकसभा सीटों को लेकर मवीआ में आत्ममंथन जारी, आखिर क्यों नहीं बन रही बात
कांग्रेस 22, शिवसेना (युबीटी) – 18 और राकांपा (शरदचंद्र पवार) – 7 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक। अभी केवल 39 सीटों पर ही बन पायी है सहमति
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (मवाआ) के बीच 39 सीटों पर सहमति बन चुकी हैं लेकिन राज्य की 9 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर घटक दलों के बीच अभी भी पेंच फंसा हुआ है। इन सीटों में दो सीटें मुंबई की हैं। राज्य में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। वंचित बहुजन आघाड़ी (वंबआ) के महाविकास आघाड़ी में शामिल होने की वजह से अकोला लोकसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है। अगर प्रकाश आंबेडकर मवीआ में रहते हैं तो यह सीट उन्हें दी जाएगी। पिछले चार टर्म से यहां पर भाजपा का कब्जा है। ऐसे में अकोला को छोड़ दें तो मवीआ के घटक दलों के बीच आठ सीटों पर अभी सहमति बननी बाकी है। ये सीटें ऐसी हैं, जिन्हें मवीआ के घटक दलाें ने ही आपस में जीती हैं। कभी यहां पर कांग्रेस, तो कभी शिवसेना और कभी राकांपा का कब्जा रहा है।
महाविकास आघाड़ी (मवीआ) में कांग्रेस, शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना यूबीटी शामिल हैं। राज्य में शिवसेना के 18 से 20 सीटों पर लड़ने की उम्मीद है, क्योंकि पार्टी ने 18 सीटों के लिए लोकसभा कोआर्डीनेटर भी घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस के पास 22 सीटें रहने की उम्मीद हैं। बाकी की छह सीटें शरद पवार की पार्टी को मिल सकती हैं। कांग्रेस अपने कोटे से प्रकाश आंबेडकर और राजू शेट्टी को एक – एक सीट पर एडजस्ट करेगी। महाविकास आघाड़ी के बीच इन सीटों को लेकर जल्द ही एक और बैठक होने की उम्मीद है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि फरवरी के अंत तक इन सीटों पर सहमति बन जाएगी।
जिन 9 सीटों पर सहमति बननी बाकि है उनमें नासिक, हिंगोली, कोल्हापुर, अकोला, मुंबई दक्षिण मध्य, मुंबई उत्तर पश्चिम,वर्धा, पुणे और भंडारा – गोंदिया की सीटों का समावेश है।