ठाणे में आदित्य ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री को खुली चुनौती देने वाले बयान पर उद्धव गुट और शिंदे गुट में जुबानी जंग तेज

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ठाणे में आदित्य ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री को खुली चुनौती देने वाले बयान पर उद्धव गुट और शिंदे गुट में जुबानी जंग तेज

आदित्य ठाकरे ने शिंदे को गद्दार कहकर साधा निशाना, तो शिंदे गुट के प्रवक्ता ने आदित्य ठाकरे को कहा कॉमेडियन। नरेश महस्के ने कहा पहले अपना घर संभाले आदित्य, फिर ठाणे में चुनौती दें

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – शिवसेना यूबीटी नेता और युवा सेना अध्यक्षआदित्य ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर की गई टिप्पणी के बाद शिंदे गुट की शिवसेना ने उन पर जुबानी हमला बोला है। शिंदे गुट की शिवसेना के प्रवक्ता व ठाणे जिला प्रमुख नरेश म्हस्के ने आदित्य ठाकरे को कोमेडियन बताया है। महस्के का कहना है कि आदित्य ठाकरे के पास अब कॉमिडी शो करने के अलावा दूसरा कोई काम नहीं है। रविवार को आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र ठाणे शहर की विभिन्न शाखाओं का दौरा किया। पत्रकारों के ठाणे को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ कहने पर आदित्य ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा था कि संविधान को अनदेखा कर मुख्यमंत्री बने शिंदे बेशर्म हैं | चुनावी सर्वे में हम पहले नंबर पर हैं, इसलिए शिंदे की बीमसी चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है। अगर ठाणे उनका गढ़ होता तो वे इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़ते। शिंदे को खुली चुनौती देते हुए आदित्य ने कहा था कि यदि उनमें हिम्मत है तो वे इस्तीफा दें और चुनाव लड़ें और उनके सामने मैं खुद ठाणे से चुनाव लडूँगा।

आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि आज झूठ बोलो और जोर से बोलो यह फैशन हो गया है। जिस व्यक्ति ने उन्हें सबकुछ दिया, उसके पिता और पार्टी को चुराने की शिंदे ने कोशिश की। शिंदे बतौर शिवसैनिक और बतौर मनुष्य दोनों रूप में फेल हुए हैं। इसलिए उनके माथे पर लगा गद्दारी का दाग कभी साफ नहीं हो सकता है।

शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने आदित्य ठाकरे पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे का किरदार महज एक कोमेडियन का होकर रह गया है, जिसका काम लोगों को हंसाना होता है। पहले वे अपना घर संभालें फिर मुख्यमंत्री को चुनौती दें। आदित्य ठाकरे की जितनी उम्र है, उतना मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का राजनीतिक करियर है। नरेश महस्के ने आदित्य पर हमला बोलते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे की पार्टी थक चुकी है। जो उनके पास बचे हैं, वे भी वापस जा रहे हैं।

आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री द्वारा अपनी सभाओं में रो कर सहानुभूति लेने की कोशिश करने की बात कही थी। इस पर म्हस्के ने कहा है कि मुख्यमंत्री का सरकारी आवास वर्षा छोड़ने के बाद से कौन सहानुभूति ले रहा है, कौन ऐसा करने की कोशिश कर रहा है, यह सभी जानते हैं। म्हस्के ने आदित्य ठाकरे को पहले आत्मपरीक्षण करने और फिर ठाणे पर दावा करने का सुझाव दिया है।

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