नया साल – नई सरकार : 31 दिसंबर को विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद गिर जाएगी शिंदे सरकार – संजय राऊत 

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नया साल – नई सरकार : 31 दिसंबर को विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद गिर जाएगी शिंदे सरकार – संजय राऊत 

संजय राऊत ने मराठा आरक्षण को लेकर भाजपा पर लगाया राजनीती करने का आरोप, कहा इस मुद्दे से भाग रही है भाजपा 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार को 2 जनवरी तक का समय देते हुए मनोज जरांगे ने गुरुवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। हालांकि शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक की डेडलाइन दी है, इसके चलते मराठा आरक्षण की अंतिम तिथि 24 दिसंबर या 2 जनवरी इसे लेकर भ्रम की स्थिति है। इसी पृष्ठभूमि में ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि 31 दिसंबर को बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई के बाद मौजूदा शिंदे सरकार गिरने वाली है, इसलिए राज्य सरकार ने मनोज जरांगे से 31 दिसंबर के बाद यानी 2 जनवरी की तारीख तक का वादा किया है।

सरकार द्वारा मराठा समुदाय को तुरंत कुनबी प्रमाण पत्र देकर आरक्षण देने के वादे के बाद मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन समाप्त कर दिया। बताया जा रहा है कि मराठा आरक्षण के लिए राज्य सरकार ने मनोज जरांगे से 2 जनवरी तक की मोहलत मांगी है। हालांकि एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 31 दिसंबर को यह सरकार गिर जाएगी और मौजूदा शिंदे सरकार मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती है,इसलिए राज्य सरकार ने मनोज जरांगे से कहा गया है कि वे 2 जनवरी तक मराठा आरक्षण का मुद्दा सुलझा लेंगे। लेकिन मनोज जरांगे पाटिल ने समझदारी दिखाते हुए आरक्षण के लिए 24 दिसंबर की समयसीमा देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कहा है कि आप मुख्यमंत्री हैं, आपने वादा किया है, आपको ये मामला सुलझाकर ही जाना चाहिए। संजय राऊत ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण की जिम्मेदारी से बचना चाहती है, इसलिए यह जिम्मेदारी नई सरकार को दी जानी चाहिए।

संजय राऊत ने आगे कहा कि हालाँकि मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन ख़त्म कर दिया है, लेकिन पेंच अभी भी कायम है, इन सबको लेकर पर्दे के पीछे राजनीति भी चल रही है। मराठों को आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन की जरूरत है, इसके लिए भाजपा नेताओं को पहल करनी होगी क्योंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है। लेकिन भाजपा का कोई नेता इस पर बात नहीं कर रहा है। संजय राउत ने मांग की है कि भाजपा नेताओं को जवाब देना चाहिए कि क्या मोदी सरकार शीतकालीन सत्र में मराठा आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पारित करेगी?

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