जालना के युवक ने उठाया बड़ा कदम, मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में की आत्महत्या
राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिए जाने के चलते की आत्महत्या। आत्महत्या से पहले मनोज जरांगे पाटिल को लिखा पत्र
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र मे जालना जिले से मराठा आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल द्वारा यलगार के बाद आरक्षण के लिए संघर्ष और व्यापक हो गया है और इस आंदोलन की आग पूरे राज्य में फैल गई है। मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे के साथियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, इस घटना को लेकर राज्य भर में पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश फैल गया। इसके बाद मराठा आरक्षण को लेकर सरकारी स्तर पर हलचल शुरू हो गयी, हालांकि अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में राजधानी मुंबई में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, गुरुवार को जालना जिले के मराठा आंदोलन में सक्रिय युवा सुनील बाबूराव कवले ने मुंबई में आत्महत्या कर ली है।
सुनील कवले मूल रूप से जालना जिले के अंबड़ के रहने वाले थे। सुनील कवले ने अपनी शर्ट और नोटबुक के पन्नों पर लिखा है कि वह आरक्षण की मांग के लिए आत्महत्या कर रहे हैं। घटना मुंबई के बांद्रा इलाके की है। आत्महत्या करने वाले सुनील कवले जालना से अकेले मुंबई आए थे, इस बीच उन्होंने आत्महत्या करने से पहले मनोज जारांगे पाटिल को एक पत्र लिखा था। आत्महत्या की घटना पुलिस स्टेशन में दर्ज कर ली गई है और बांद्रा पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।
मराठा आरक्षण पर निर्णय लेने में सरकार की देरी के विरोध में सुनील कवले की आत्महत्या के बाद मराठा आरक्षण याचिकाकर्ता विनोद पाटिल ने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि केवल इसलिए नहीं कि क्रूर सरकार मराठा आरक्षण को लेकर कड़ा रुख नहीं अपना रही है, बल्कि समाज के युवा हताशा में अपनी जान दे रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में चार मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन आरक्षण का मुद्दा अभी भी जस का तस है। सरकार को ऐसा आरक्षण देना चाहिए जो समाज के युवाओं के धैर्य की सीमा को समाप्त होते न देखे। विनोद पाटिल ने अपील की है कि युवाओं को भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए।