यमराज के भैंसे पर सवार है राज्य की ट्रिपल इंजन सरकार। राज्य के सरकारी अस्पतालों में जारी मौत के तांडव से बेखबर, अपने हित में जुटी है सरकार – संजय राऊत
सरकारी अस्पताल में हो रही मरीजों की मौत पर संजय राऊत ने सरकार को लिया आड़े हाथ, कहा राजनीती और टेंडरबाजी में उलझ कर रही गयी है सरकार
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य में मौजूदा असंवैधानिक सरकार प्रभावहीन है, इसके चलते सरकारी अस्पतालों में मौत का सिलसिला जारी है। राजनीति और टेंडरिंग में उलझी राज्य सरकार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। ठाकरे गगुट के फायर ब्रांड सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता बेचैन और परेशान है। पिछले कुछ दिनों से नांदेड़, छत्रपति संभाजीनगर और नासिक जिलों के सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत के सिलसिले की पृष्ठभूमि में संजय राउत ने राज्य की शिंदे-फडणवीस-पवार के नेतृत्व वाली ट्रिपल इंजन सरकार की कार्यप्रणाली पर कटाक्ष किया है। संजय राउत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में यमराज का भैंसा घूम रहा है और मुख्यमंत्री समेत दोनों उपमुख्यमंत्री इस पर सवार हैं। वह शुक्रवार को मीडिया से बात कर रहे थे।
महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में अब तक 100 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है। यदि ऐसी घटनाएं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे क़ो परेशान नहीं करती हैं, तो इसका मतलब यही है की उनकी आत्मा मर चुकी है। वे दिल्ली के ‘मन की बात’ सुनते हैं, लेकिन राज्य के सरकारी अस्पतालों में जारी मौत का सिलसिला उन्हें नहीं सुनाई देता। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की मौत के लिए पूरी तरह से राज्य की ट्रिपल इंजन सरकार जिम्मेदार है। उन्हें किसानों और आम आदमी की कोई परवाह नहीं है। संजय राउत ने आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ठेकेदारी, टेंडरिंग, संरक्षक मंत्री पद और मनपा जैसे सभी कामों में व्यस्त है।
इस अवसर पर संजय राउत ने असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसकी है, इसे लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष होने वाली सुनवाई पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना शरद पवार ने की है। अब कोई कह रहा है कि ये पार्टी मेरी है, इसलिए शुक्रवार क़ो चुनाव आयोग की असली परीक्षा है। राउत ने 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को जल्द से जल्द यह फैसला लेने का निर्देश दिया है। जिसमें कहा गया है कि इस मामले को समय सीमा के अंदर पूरा किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर संविधान को विदेशी मानते हैं। क्योंकि वे देश के संविधान का सम्मान नहीं करते, इसलिए शिवसेना सुप्रीम कोर्ट के सामने दोबारा अपना पक्ष रखेगी।