राजनितिक दबाव के चलते रोक दी गई येऊर में बने अवैध बंगलों पर कार्यवाई?
शिकायतकर्ता योगेश मुंदड़ा ने ठाणे महानगर पालिका पर लगाया आरोप, अवैध निर्माण पर कार्यवाई नहीं होने के चलते भूख हड़ताल पर बैठे
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे – ठाणे महानगर पालिका प्रशासन ने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत येउर क्षेत्र में बने सात अवैध बंगलों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई रोक दी है। पिछले दो दिनों से चल रही कार्रवाई में जहां दो बंगले तोड़े गए, वहीं तीसरे बंगले पर आंशिक कार्रवाई की गई है। कार्रवाई रोके जाने का विरोध करते हुए शिकायतकर्ता ने इन सभी बंगलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर येऊर में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शहर में चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के कारण यह कार्रवाई रोकी गयी है।
ठाणे शहर का येउर इलाका संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में आता है। पिछले कुछ सालों में इस इलाके में बड़ी संख्या में अवैध ढाबे और बंगले खड़े किये गए हैं। इसी तरह ठाणे महानगर पालिका के पूर्व शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष सुरेश गाडा ने भी इस क्षेत्र में सात अवैध बंगले बनाए हैं। इस अवैध निर्माण के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता योगेश मुंदड़ा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। इस मामले में लोकायुक्त से भी शिकायत की गई थी।
लोकायुक्त द्वारा नियुक्त कमेटी की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ये बंगले अवैध हैं। लोकायुक्त ने यह भी आदेश दिया था कि क्या इन बंगलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और इस संबंध में एमआरटीपी के तहत अपराध दर्ज किया जाए और अगली सुनवाई से पहले एक संयुक्त रिपोर्ट पेश की जाए। इस आदेश के बाद बंगल के मालिकों ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां उनकी याचिका खारिज होने के बाद महानगर पालिका ने सोमवार से कार्रवाई शुरू कर दी।
अब तक की गई कार्रवाई में दो बंगले तोड़े गए, वहीं तीसरे बंगले पर आंशिक कार्रवाई की गई है। महानगर पालिका ने स्पष्ट किया था कि कार्रवाई जारी रहेगी और बाकी चार बंगलों का निर्माण तोड़ा जाएगा। लेकिन अचानक महानगर पालिका ने यह कार्रवाई बंद कर दी है। कार्रवाई रोके जाने का विरोध करते हुए शिकायतकर्ता योगेश मुंदड़ा ने इन सभी बंगलों पर कार्रवाई की मांग को लेकर येउर में भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। इन सात बंगलों में एक पूर्व पार्षद और एक पूर्व इंजीनियर का बंगला भी शामिल है और इसके चलते चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के कारण यह कार्रवाई रोकी गई है। इस संबंध में ठाणे महानगर पालिका उपायुक्त दिनेश तायडे से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किये जाने पर उन्होंने इसे कानूनी प्रक्रिया बताया है।