मिडिया मैनेजमेंट वाले वायरल ऑडियो पर घिरी भाजपा
पत्रकारों को खिलाओ-पिलाओ ताकि वो विरोध में ना लिखें, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का ऑडियो वायरल। सफाई में बोले पत्रकारों के सम्मानजनक सत्कार के लिए कहा था
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के कथित बयान का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। ऑडियो में बावनकुले को कथित रूप से पार्टी वर्कर्स से कहते सुना जा सकता है कि पत्रकारों को ढाबों में ले जाओ और उन्हें खिलाओ-पिलाओ, ताकि वे पार्टी के खिलाफ निगेटिव ना लिखें।
वायरल ऑडियो अहमदनगर का बताया जा रहा है। बावनकुले यहां भाजपा कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट सिखाने पहुंचे थे। विपक्ष के हंगामा मचाने के बाद बावनकुले ने सफाई देते हुए कहा कि मैं कहना चाह रहा था कि पत्रकारों के सम्मानजनक सत्कार की बात कही थी। कार्यकर्ताओं को यह बात समझने की कोशिश करनी चाहिए।
ऑडियो क्लिप में बावनकुले कह रहे हैं कि वीडियो जर्नलिस्ट न्यूज पोर्टल चलाते हैं। ये आपके इलाकों में जाएंगे और एक छोटी सी घटना को बढ़ा-चढ़ाकर बताएंगे। ऐसे ऊधम मचाने वाले प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जर्नलिस्ट की लिस्ट बनाइए और ढाबों में चाय पर बुलाएं। उनसे कहें कि 2024 के लोकसभा चुनाव आने वाले हैं, इसको देखते हुए हमारे बारे में नकारात्मक ना छापें। आप मेरे कहने का मतलब समझ रहे हैं ना कि पत्रकारों को चाय पर क्यों बुलाना है।
महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि हर पत्रकार बिकाऊ नहीं होता। भाजपा वाले क्या सोचते हैं कि पत्रकार उनके फेंके टुकड़ों पर पल जाते हैं। मैं आपके टॉप लेवल और स्थानीय दोनों नेताओं की बेचैनी समझ सकता हूं, क्योंकि वे असहमति की आवाज को दबा नहीं सके। लेकिन आप तो सीधे पत्रकारों को ऑफर देने लगे? जनता आपको रुला देगी।
वहीं राकांपा शरद पवार गुट के प्रवक्ता क्लाइड क्रेस्टो ने X (ट्विटर) पर लिखा है कि बावनकुले भाजपा कार्यकर्ताओं से सच बोलने वाले पत्रकारों के साथ अच्छा व्यवहार करने को कह रहे हैं या फिर उनका बयान सच्चे पत्रकारों के लिए धमकी है?
बावनकुले ने ये भी कहा कि पत्रकार बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि वे लोगों की राय तक बदल सकते हैं, और वही पत्रकार वोटर भी होते हैं। अगर आप उनसे नहीं मिलेंगे, उनसे बात नहीं करेंगे या उनकी राय नहीं लेंगे तो यह अच्छा नहीं है। वहीं राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बावनकुले ने क्या कहा और बयान को क्या समझा गया, ये दो अलग बातें हैं। उनकी कही बात को दूसरे तरीके से व्याख्या करने की जरूरत नहीं है। कभी-कभार आप कार्यकर्ताओं से हल्के-फुल्के अंदाज में कुछ कह रहे होते हैं, इसे तूल देने की जरूरत नहीं है।