योग्य महिलाएं अपनी योग्यता के आधार पर ही सरपंच पद से लेकर संसद तक निर्वाचित हो रही हैं। योग्य महिलाओं को किसी राजनीतिक आरक्षण की आवश्यकता नहीं है – संजय राऊत
गृहमंत्री अमित शाह के तंज भरे बयान पर, उद्धव गुट के संजय राऊत का पलटवार। कहा अमित शाह कुछ भी कर सकते हैं, चुनाव आयोग उनकी मुट्ठी में है
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महिला आरक्षण बिल हाल ही में लोकसभा में पास हुआ है। इसके बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मांग की कि इस बिल को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि यदि वायनाड संसदीय सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया तो क्या होगा? इस पर शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी,वे गुरुवार को मीडिया से बात कर रहे थे।
संजय राउत ने कहा कि हमने महिला आरक्षण के मुद्दे पर शिवसेना की स्थिति स्पष्ट कर दी है, महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने के बजाय, बालासाहेब ठाकरे का रुख यह था कि राजनीतिक दलों को 33 प्रतिशत महिलाओं को चुनने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
अमित शाह ने मजाक में कहा कि कल जब वायनाड निर्वाचन क्षेत्र महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएगा तो आप हम पर आरोप लगाएंगे। हालाँकि वे कुछ भी कर सकते हैं, क्योंकि उनके हाथ में चुनाव आयोग है। वे वायनाड निर्वाचन क्षेत्र को महिलाओं के लिए आरक्षित कर सकते हैं। इस लिए लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बैठे पुरुष नेताओं के दोबारा चुनाव को रोकने के लिए यह विधेयक जल्दबाजी में लाया गया है, संजय राउत ने कहा।
संजय राऊत ने आगे कहा कि ऐसे कई नेता हैं जो विपक्ष में हैं या भाजपा में होंगे, उनके लिए इस विधेयक के कारण सदन में आना मुश्किल हो जाएगा। वैसे भी हम सभी ने महिलाओं के सम्मान, महिलाओं के अधिकारों के मामले में इस विधेयक का समर्थन किया है।
शिंदे गुट कि सांसद भावना गवली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कैबिनेट में महिलाओं के लिए भी आरक्षण होना चाहिए। इस बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनकी भूमिका हो सकती है, लेकिन योग्य महिलाएं अपनी योग्यता के आधार पर ही सरपंच पद से लेकर संसद तक निर्वाचित हो रही हैं। हमारा अनुभव है कि योग्य महिलाओं को किसी राजनीतिक आरक्षण की आवश्यकता नहीं है।