महिलाओं से हिंसा के मामले में बारहवें तो बाल यौन उत्पीड़न में सत्रहवें पायदान पर महाराष्ट्र – देवेंद्र फडणवीस
गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मानसून सत्र में घोषणा, राज्य में होंगी बम्पर पुलिस भर्ती। 1960 के बाद पहली बार होंगी 18000 पुलिस भर्तीयां
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – 1960 के बाद पहली बार राज्य ने पुलिस बल के लिए एक नया ढांचा तैयार किया है और 18,000 पदों पर भर्ती शुरू की है। यह अब तक का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर है। राज्य सरकार अधिक पदों पर भर्ती करना चाहती थी, लेकिन चूंकि राज्य में प्रशिक्षण सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए पहले उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उक्त जानकारी विधानसभा में दी। उन्होंने यह भी दोहराया कि ‘राज्य में पुलिस की भर्ती कभी भी अनुबंध पर नहीं की जाएगी।
विधानसभा में नियम 293 के तहत सत्ता पक्ष की ओर से उठाए गए सवाल और विपक्ष की ओर से की गई चर्चा का संयुक्त जवाब देवेन्द्र फड़णवीस ने दिया। इस मौके पर उन्होंने पुलिस बल में चल रही भर्ती प्रक्रिया की जानकारी दी। मुंबई और पुणे पुलिस बलों में 10 हजार रिक्तियां हैं, उनके अनुरोध के अनुसार हम उन्हें 11 महीने के लिए सुरक्षा निगम से कुछ पुलिसकर्मी दे रहे हैं कोई बाहरी ठेकेदार नहीं। 1960 के बाद पहली बार पुलिस बल का पुनर्गठन किया गया है। 1960 के दशक का डायग्राम अब तक इस्तेमाल किया जाता था। अब राज्य सरकार ने हर पुलिस थाने को कितने अधिकारी और कर्मचारी चाहिए, इसके नए मानकों को मंजूरी दे दी है। फड़णवीस ने बताया कि 1960 की जनसंख्या के हिसाब से नहीं, बल्कि साल 2023 के आंकड़ों को ध्यान में रखा जाएगा।
प्रति लाख जनसंख्या पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में महाराष्ट्र देश में बारहवें स्थान पर है। हालाँकि महिलाएँ लापता हो रही हैं, लेकिन महाराष्ट्र में उनके लौटने की दर 90 प्रतिशत तक है। बेशक बाकी 10 फीसदी महिलाओं की भी तलाश की जाएगी। बाल यौन अपराधों में भी महाराष्ट्र देश में सत्रहवें स्थान पर है। शक्ति अधिनियम केंद्र सरकार के पास लंबित है और अनुवर्ती कार्रवाई जारी है।
हम साइबर अपराध को रोकने के लिए एक अत्याधुनिक एकीकृत साइबर प्लेटफॉर्म बना रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म अगले छह महीनों में चालू हो जाएगा’, फड़णवीस ने घोषणा करते हिये कहा। इस प्रणाली में पुलिस, बैंक आदि सभी संबंधित प्रणालियाँ शामिल होंगी। किसी अपराध के घटित होने के बाद हमारी प्रतिक्रिया का समय बहुत कम होगा। एक घंटे में दस खातों के जरिए अपराध का पैसा विदेश चला जाता है। इसमें एक पैसा भी खर्च नहीं है। यदि सभी लोग एक मंच पर हों तो ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है। एक प्रशिक्षित वर्ग का गठन किया जा रहा है। आउटसोर्सिंग का एक मॉडल भी तैयार किया गया है, फड़णवीस ने आश्वासन देते हुए कहा।