राज्य में फिर बड़े राजनितिक उलटफेर की आशंका?
उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार से की मुलाकात। राजनितिक खिचड़ी में तड़का लगने के कयास
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विधायकों के एक बड़े समूह के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से बुधवार को उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने मुलाकात की। विधानसभा के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन था, इसी में भाग लेने के लिए बुधवार को उद्धव ठाकरे विधान भवन आये थे। उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने अजित पवार से उनके हॉल में मुलाकात की। कहा जा रहा है कि इस बैठक में ठाकरे गुट के कुछ विधायक भी मौजूद रहे। हालाँकि बैठक में क्या चर्चा हुई इसका सटीक विवरण अभी तक समझ में नहीं आया है, शुरुआती जानकारी के मुताबिक कहा जा रहा है कि यह सिर्फ ठाकरे गुट की ओर से एक सद्भावना मुलाक़ात है। हालाँकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद, ठाकरे पिता और पुत्र ने अचानक अजीत पवार से मुलाकात की, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई है।
अजित पवार ने कुछ दिन पहले राकांपा विधायकों के एक बड़े समूह को तोड़ लिया था और अजित पवार शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनसीपी के आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ लें ली थी। अजित पवार समेत राकांपा के सभी विधायकों को तगड़े मंत्रालय का पदभार भी दिया गया। यह महाविकास अघाड़ी के लिए बड़ा झटका था। स्वाभाविक रूप से, इससे अजित पवार और महाविकास अघाड़ी नेताओं के बीच दरार पैदा होने की संभावना थी। बहरहाल, इन तमाम शंकाओं से इतर ठाकरे पिता-पुत्र की अजित पवार से मुलाकात चर्चा का विषय बन रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस बैठक में वास्तव में क्या चर्चा हुई। हाल ही में अजित पवार ने अपने समूह के मंत्रियों और विधायकों के साथ शरद पवार से भी मुलाकात की थी। इसके लिए अजित पवार गुट दो बार नरीमन पॉइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सेंटर गया था |इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि अजीत पवार और शरद पवार के बीच संचार के दरवाजे अभी भी खुले हैं। यह अभी तक ज्ञात नहीं है कि ये बैठकें वास्तव में किस लिए थीं। हालांकि, भाजपा के साथ सत्ता में आने के बाद भी राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर तरह-तरह की दलीलें दी जा रही हैं कि आखिर ठाकरे पिता-पुत्र को अजित पवार से मिलने की जरुरत क्यों पड़ी।
विधानसभा मानसून सत्र के तीसरे दिन फर्जी बीज और खाद के दाम बढ़ने से सदन में हंगामा बरपा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने किसानों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष को आड़े हाथों लिया। विधायक विजय वडेट्टीवार ने उर्वरक की कीमत में वृद्धि को लेकर सत्ता पक्ष को मजबूती से घेरा। बालासाहेब थोरात ने भी उनका बखूबी साथ दिया। कांग्रेस के इन दो अनुभवी नेताओं की आक्रमकता से नवनिर्वाचित कृषि मंत्री धनंजय मुंडे के पासी ए छूट गये।