लोकसभा में हार के डर से भाजपा ने महाविकास अघाड़ी को तोड़ने की रणनीति बनाई

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लोकसभा में हार के डर से भाजपा ने महाविकास अघाड़ी को तोड़ने की रणनीति बनाई

अजित पवार के बगावत की सुगबुगाहट के चलते ही, शरद पवार ने इस्तीफा दिया था – बालासाहेब थोरात 

शरद पवार और हम साथ मिलकर काम करेंगे तो राकांपा फिर से खड़ी हो जाएगी। भाजपा पर तंज कसते हुए थोरात ने साधा सरकार पर निशाना

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने आशंका जताते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव में हार के डर से भाजपा ने महाविकास अघाड़ी को तोड़ने का काम किया है। ऐसी अफवाहें थीं कि अजित पवार अलग हो जाएंगे, वह वज्रमुठ सभा में हमेशा मुख्यमंत्री शिंदे की आलोचना करते रहते थे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कभी भी फड़णवीस की आलोचना नहीं की।

इस बीच, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने आगे कहा कि शिंदे-फडणवीस महाविकास अघाड़ी की अच्छी तरह से चल रही सरकार को गिराकर सत्ता में आए। इस सरकार को सत्ता में आए अभी एक साल भी नहीं हुआ कि अजित पवार ने एक और झटका दे दिया,अजित पवार की बगावत की भनक थी हमें कुछ पकने की गंध जरूर आ रही थी। उन्होंने राय जताई है कि भले ही राकांपा टूट गई है, लेकिन शरद पवार की वापसी से वह फिर से खड़ी हो सकती है।

अजित पवार के विद्रोह कब शुरू हुआ इस सवाल के जवाब में थोरात ने कहा कि अजित पवार वज्रमूठ सभा में सिर्फ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ही हमला करते थे, लेकिन देवेन्द्र फड़णवीस को लेकर कभी कोई टिप्पणी नहीं की। न केवल मैं बल्कि जनता भी इसे महसूस कर रही थी और आखिरकार इसका परिणाम सामने आया। इससे पहले उन्होंने सुबह शपथ भी ली थी, इसलिए उनके बीच मधुर संबंध थे। आख़िरकार लोकसभा चुनाव में हार को देखते हुए महाविकास अघाड़ी को तोड़ने की ज़रूरत थी और ऐसा लग रहा था कि ऐसा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बीच पवार का इस्तीफा उसका ही संकेत था।

अजित पवार कई विधायकों को अपने साथ ले गए हैं, लेकिन अगर शरद पवार पूरे महाराष्ट्र में हाथ जोड़कर घूमेंगे तो राकांपा फिर से खड़ी हो जाएगी। थोराट ने यह भी कहा कि एक-दूसरे की मदद से हमें बेहतर सीटें भी मिलेंगी।

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