अजित पवार की दादागिरी के सामने शिंदे गुट चारो खाने चित्त
साल भर से बाट जोह रहे शिंदे गुट और भाजपा के विधायकों को मानसून सत्र के बाद कैबिनेट में जगह। अजित पवार खेमे को आज ही विभागों का आवंटन
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : राकांपा से बगावत कर एनडीए में शामिल हुए अजित पवार समेत 9 मंत्रियों के शपथ लेने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी वह अभी भी बिना विभाग के मंत्री हैं। कई दौर की चर्चा के बावजूद शिंदे-फडणवीस-अजित पवार अकाउंट शेयरिंग पर आम सहमति तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। लेकिन अजित पवार के दिल्ली दौरे के बाद हिसाब-किताब के बंटवारे का वक्त आ गया है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को मंत्रियों का विभाग वितरित किया जाएगा। इसलिए 10 दिन तक बिना मंत्रालय के मंत्री रहे अजित पवार के समर्थक नेताओं को शुक्रवार को विभागों का बंटवारा कर दिया जायेगा। दूसरी ओर शिंदे गुट और भाजपा के नेताओं को मंत्री पद के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि मानसून सत्र के बाद सरकार का बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार होने जा रहा है। कई विधायकों की नाराजगी और मंत्री पद के दावेदारों की गुटबाजी के चलते बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार मनसून सत्र के बाद ही होगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जोर देकर कहा कि उनके गुट के विधायकों को और इंतजार न कराते हुए तत्काल मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना चाहिए। हालांकि मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए संभावना है कि कैबिनेट का विस्तार मानसून सत्र के बाद ही होगा। मुख्यमंत्री का रुख था कि पहले हम मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे और फिर मंत्रालयों के आवंटन पर चर्चा कर वितरित किया जायेगा। हालांकि अजित पवार के दिल्ली दौरे और फड़णवीस – अजित पवार के साथ मुलाकात के बाद खबर है कि एकनाथ शिंदे मानसून सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार पर सहमत हो गए हैं। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि कैबिनेट विस्तार में शिंदे के केवल चार से पांच सहयोगियों को ही मंत्री पद मिलने की संभावना है। इससे शिंदे गुट के बाकी विधायकों में असंतोष बढ़ने की आशंका है।
अजित पवार गुट के 9 विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पिछले तीन-चार दिनों से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार विभागों के के बंटवारे को लेकर लगातार चर्चा कर रहे हैं, हालाँकिमुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा बंगले में हुईं दो बैठकों के बाद भी अकाउंट शेयरिंग विवाद का समाधान नहीं हुआ। इसलिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार बुधवार को दिल्ली जाकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले। खबर है कि इस बैठक में समाधान निकल गया है। अजित पवार गुट वित्त, राजस्व और जल संसाधन जैसे तीन विभागों पर जोर दे रहा है, और उन्होंने इन तीन विभागों पर दावा किया था। बाद में पता चला कि अजित पवार ने आबकारी विभाग की भी मांग की है।