क्या शिंदे और पवार भाजपा की कठपुतली हैं? भाजपा का अकेले 152 सीटें जितने का दावा
मुख्यमंत्री पद शेयर नहीं करेगी भाजपा, भिवंडी कार्यशाला में बावनकुले का बड़ा बयान
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
भिवंडी – भारतीय जनता पार्टी अब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद शेयर नहीं करेगी, भाजपा ने अकेले 152 सीटें जितने का रोडमैप तैयार कर लिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को विश्वास जताया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा अकेले 152 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा स्पष्ट बहुमत के आंकड़े 145 से ज्यादा सीटें जीतेगी। प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि महायुती भाजपा – शिवसेना – राकांपा 220 से अधिक सीटें जीतेगी। बावनकुले के बयान को इस बात मे संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि भाजपा विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद पाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाजपा पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों की भिवंडी में आयोजित कार्यशाला के दौरान बावनकुले पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी कार्यकर्ता पिछले साल से ही नाराज चल रहे थे क्योंकि गठबंधन में भाजपा के पास सबसे ज्यादा 105 विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री का पद शिवसेना से आये एकनाथ शिंदे को दे दिया गया था। अब राज्य मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद राकांपा नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खुले तौर पर राज्य का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई थी, इससे भाजपा खेमे में खलबली मच गई है।
इसी को देखते हुए बावनकुले ने विश्वास जताया है कि अकेले भाजपा 152 से अधिक सीटें जीतेगी। ज्ञात हो कि 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए। भाजपा प्रदेशअध्यक्ष ने कहा कि ग्रैंड अलायन्स महायुती में भाजपा – शिवसेना – राकांपा और आरपीआई आने वाले विधानसभा चुनाव में 220 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेंगी। यह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए स्पष्ट सन्देश था कि यदि वे कड़ी मेहनत करें तो पार्टी अपने दम पर स्पष्ट बहुमत पाने में सक्षम है और ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा।
इस बीच मुंडे बहने पंकजा और प्रीतम मुंडे भिवंडी में भाजपा की पुरे दिन चलने वाली वर्कशॉप में शामिल नहीं हुईं। ज़ब मिडिया ने इस बारे में सवाल किया तब बावनकुले ने कहा कि किसी निजी काम के चलते दोनों बहने इस वर्कशॉप में शामिल नहीं हो सकी। हाल ही में पंकजा मुंडे ने यह कहकर नाराजगी जताई थी की पार्टी में कुछ लोग उनका राजनितिक करियर खत्म करने में लगे हैं और वह राजनीती से दो महीने की छुट्टी लें रही हैं।