क्या वापस लौटेंगे अजित पवार? चाचा – भतीजे के बीच सुलह की अटकलें तेज
अजित पवार के भतीजे युगेन्द्र पवार ने की अजित पवार और शरद पवार से मुलाक़ात। शरद पवार की ओर से पहल कर इसे डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश के प्रयास का कयास
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राकांपा सुप्रीमो शरद पवार को भतीजे अजित पवार के अलग होने से करारा झटका लगा है। अब दोनों के अलगाव में कई दिनों बाद उन्हें फिर से एकसाथ लाने की कोशिश शुरू हो गई है। पवार परिवार के सदस्य ही दोनों पवार को एकसाथ लाने की कोशिश में जुटे हैं ताकि पॉलिटिक्स और परिवार दोनों एक ही दिशा में रहें। इन कोशिशों को शरद पवार की ओर से डैमेज कंट्रोल के तौर पर भी देखा जा रहा है। अजित पवार के भतीजे युगेन्द्र पवार ने उनसे मुलाक़ात की थी, उसके बाद दादा शरद पवार से भी मिलने उनके सिल्वर ओक आवास पर गये थे। युगेन्द्र पवार की दोनों नेताओं से मुलाक़ात को एकता की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
युगेन्द्र पवार अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। युगेन्द्र पवार की कभी भी कोई राजनितिक महत्वाकांक्षा नहीं रही है, और वे हमेश इससे जुड़ी गतिविधियों से दुऱ रहे हैं। ऐसे में एक ही दिन में उनकी दोनों शीर्ष नेताओं से मुलाक़ात के बाद राजनितिक गालियारों में चर्चे शुरू हो गये हैं। युगेन्द्र पवार की गिनती अजित पवार के सबसे करीबियों में की जाती है। माना जा रहा है कि उनके प्रभाव का इस्तेमाल करके अजित पवार को वापस लाने की कोशिश की जा सकती है। इसके पगले भी अजित पवार के परिवार से ही एकता की कोशिशे हुईं हैं।
2019 में जब अजित पवार ने अचानक देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री पड़ की सपथ लें ली थी, तब भी उनके बड़े भाई श्रीनिवास पावर ने ही माध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। श्रीनिवास ने दोनों से बात की और अजित पवार की वापसी तय कराई। इसके बाद अजित पवार ने फडणवीस सरकार से इस्तीफा दे दिया था और राज्य में महाविकास अघाड़ी की सरकार में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि इन सब चर्चाओं के बीच युगेंद्र पवार ने कहा कि शरद पवार से उनकी मुलाक़ात राजनैतिक नहीं बल्कि निजी थी।
मिडिया से बात करते हुए युगेंद्र पवार ने कहा कि मैं किसी कायस पर बात नहीं करूँगा। यह पहली बार नहीं है जब मैंने चाचा और दादा से मुलाक़ात की है। हालांकि उन्हें 2019 मैंनापने पिता श्रीनिवास के मनाने पर अजित पवार के वापस लौट आने को परिवार की बात बताया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार दोनों लोग भाई हैं,और ऊपर से हमलोग राजनीती में नहीं हैं। हमलोग परिवार और राजनीती को अलग रखते हैं। युगेन्द्र ने यह भी कहा कि भले ही राजनितिक रूप से कुछ मतभेद रहें हों, लेकिन पवार फॅमिली घर में एकजुट ही रही है।