शिवसेना की तरह ही राकांपा को भी लग रहे नीत नए झटके
सतारा के वाई विधानसभा से राकांपा विधायक मकरंद पाटिल ने छोड़ा शरद पवार का साथ, अजित पवार खेमे में हुए शामिल
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राज्य में सतारा जिले के वाई निर्वाचन क्षेत्र से राकांपा विधायक मकरंद पाटिल अजित पवार के खेमे में शामिल हो गए हैं, उन्होंने इस बात का ऐलान सोमवार को किया।पाटिल ने कहा कि उन्होंने ये कदम अपने क्षेत्र की दो चीनी मिलों को बचाने, विकास और टूरिज्म के मुद्दे को हल करने की उम्मीद में उठाया है। मकरंद ने कहा कि हालांकि उनके लिए यह फैसला लेना बहुत कठिन था क्योंकि शरद पवार और अजित पवार दोनों उनके प्रिय हैं।
राकांपा के अजित पवार ने एक हफ्ते पहले ही शरद पवार से किनारा करके अलग गुट बनाकर मौजूदा शिंदे सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। मकरंद ने फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि हाल ही में, मैंने दो चीनी मिलों का अधिग्रहण किया जो वित्तीय संकट में थीं। लोगों के आग्रह के कारण ही मैंने इन मिलों के लिए चुनाव लड़ा। मैं पिछले साल गन्ना पेराई के सीजन को बिना किसी समस्या के संभाल सकता था। लेकिन पिछले साल जब वे सत्ता में नहीं थे तो उन्हें मिलों को मैनेज करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
अजित पवार और 8 विधायकों के शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के एक दिन बाद, मकरंद शरद पवार की कराड यात्रा के दौरान मौजूद थे। विधायक पाटिल ने दावा किया है कि उनका नाम पिछले शपथ लेने वाले अजित पवार समेत राकांपा के नौ मंत्रियों की सूची में था।
मकरंद ने आगे कहा कि मैंने अजित पवार से मुलाकात के दौरान कहा था कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मुझे अपने समर्थकों और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से परामर्श करना होगा। सतारा से पाटिल के कई कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने शनिवार को मुंबई में अजित से मुलाकात की थी।
एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़णवीस सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार खेमे ने राकांपा के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा ठोक दिया है। प्रफुल्ल पटेल सहित अजित पवार के वफादार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उन्हें राकांपा के 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है।