पार्टी को मजबूत करने महाराष्ट्र दौरे पर निकले उद्धव ठाकरे

Spread the love

पार्टी को मजबूत करने महाराष्ट्र दौरे पर निकले उद्धव ठाकरे

नागपुर में कहा कि मैं यह देखने का इंतजार कर रहा हूं कि भाजपा अपनी टोली को कैसे संभालती है। विधायकों की अयोग्यता के लिए हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा हमेशा खुला है 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य में राकांपा नेता अजित पवार समेत अन्य विधायकों मे पार्टी मे बगावत करने और एकनाथ शिंदे नित एनडीए सरकार को समर्थन देने के एक सप्ताह बाद शिवसेना बालासाहेब ठाकरे पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने रविवार को राज्यव्यापी दौरा शुरू किया, इसी दौरान उन्होंने कहा कि वे यह देखना चाह रहे थे कि भाजपा नई टोली को कैसे सँभालती है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत अन्य 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिकाओं के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष को एक तय रूपरेखा के भीतर ही इस पर फैसला लेना होगा। उद्धव ठाकरे ने विदर्भ क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा शुरू करने के बाद नागपुर में पत्रकारों से कहा कि यदि विधानसभा अध्यक्ष इस मामले को दरकिनार भी कर देते हैं, तो हमारे लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाज़े हमेश खुले हैं।

जून 2022 में एकनाथ शिंदे की अगुवाई में अन्य विधायकों की बगावत के चलते राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी और शिवसेना दो धड़ों में बंट गई थी। बाद में शिंदे भाजपा के समर्थन से राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ गये। इस साल 2 जुलाई को राकांपा में भी इसी तरह की बगावत देखने को मिली ज़ब अजित पवार ने अन्य विधायकों के साथ बगावत कर दी और राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की और अन्य 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ लें ली। सत्तारूढ़ भाजपा पर टिप्पणी करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि भाजपा इस बारे में कुछ कहने के लायक बची है। उनके पास हमें भाषण देने का कोई अधिकार नहीं है। मैं केवल यह देखना चाहता हूं कि भाजपा अपनी नई टोली को कैसे संभालती है।

राज्य विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शनिवार देर शाम एकनाथ शिंदे गुट के 40 और उद्धव गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर उनके खिलाफ अयोग्यता की याचिकाओं पर जवाब माँगा है। शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिकाओं पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उच्चतम न्यायलय ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पहले ही एक रुपरेखा दी है। और इसी तय रुपरेखा के भीतर ही विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेना होगा। यदि वे इसे नजरअंदाज करते हैं तो हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का विकल्प हमेश खुला है। शिवसेना युबीटी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए विधानसभा अध्यक्ष को यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि वह अयोग्यता की याचिकाओं पर तेजी से सुनवाई करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Right Menu Icon