शिंदे गुट के विधायकों को तारीख पर तारीख 

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शिंदे गुट के विधायकों को तारीख पर तारीख 

विधायकों में बढ़ते असंतोष को लेकर बागी विधायक आशीष जायसवाल का बड़ा बयान। शिंदे, फडणवीस और पवार को आईपीएल की तरह बेस्ट टीम चुननी होगी 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य में इन दिनों सियासी पारा गर्म है। एक तरफ साल भर से शिंदे गुट के विधायक मंत्रिमंडल विस्तार पर नजरें गड़ाए बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर हाल ही में राकांपा छोड़ एनडीए में शामिल हुए अजित पवार समेत 8 विधायकों को मंत्रिपद दे दिया गया है। इसको लेकर शिंदे गुट के विधायकों में असंतोष है, और ऐसे ही एक विधायक आशीष जायसवाल भी भड़क गये हैं। जायसवाल ने कहा कि शिंदे गुट के समर्थक मंत्रिपद की बाट जोह रहे हैं, और उन्हें केवल तारीख पर तारीख दी जा रही है। वहीं राकांपा छोड़कर आये विधायकों को तत्काल मन्त्रीपद दे दिया गया है। गौरतलब है कि आशीष जायसवाल निर्दलीय विधायक हैं, और उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को समर्थन दिया है। इससे पहले प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायक बच्चू कड़ू ने भी मंत्रिमंडल विस्तार न होने को लेकर नाराजगी जताई थी।

आशीष जायसवाल पहले विधायक थे जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। जायसवाल ने कहा कि कोई इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकता की मंत्रिमंडल विस्तार कब होगा। पूरा मामला केवल तारीख पर तारीख पे अटका पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रिपद की ताक में बैठे सभी विधायकों ने अपने – अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ध्यान देना शुरू कर दिया है। इसकी वजह यह है की लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, और चुनाव से पहले आचार संहिता भी लागु हो जाएगी। जायसवाल ने आगे कहा कि राज्य में सियासी गतिविधियों के साथ – साथ केंद्रीय कैबिनेट में भी फेरबदल होने की चर्चा है। ऐसे में केवल हमारे सीनियर्स ही इसके बारे में सही तारीख बता सकते हैं।

जायसवाल ने यह भी कहा कि राज्य में कैबिनेट विस्तार न होने से जनता में गलत सन्देश जा रहा है। इसलिए यही सही समय है ज़ब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आईपीएल कि तरह एक बेस्ट टीम का चुनाव करें जो बेहतर परफॉरमेंस कर सके। जायसवाल के मुताबिक ये तीनों ही अच्छे प्रशासक हैं, तीनों को मिलकर बेहतर प्रदर्शन के आधार पर विधायकों को मन्त्रीपद देना चाहिए। इसके अलावा इन तीनों को क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखना होगा। इस दौरान अन्य दलों और निर्दलीय विधायकों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

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