राकांपा के सत्ता में शामिल होते ही, शिंदे गुट के विधायकों में बढ़ने लगी नाराजगी
अदिति तटकरे को कैबिनेट और रायगढ़ जिले का पालकमंत्री बनाये जाने से शिंदे गुट के 6 विधायक नाराज। भरत गोगावले ने सर्वजानिक रूप से जताया विरोध
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : राकांपा से बगावत कर कैबिनेट में अजित पवार समेत आठ मंत्रियों को शामिल किये जाने से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समर्थक विधायकों में बेचैनी चरम पर पहुंच गयी है। प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में शिंदे के विधायकों में इस बात की होड़ है कि उन्हें मंत्री पद मिले। शिवसेना शिंदे गुट और राष्ट्रवादी पार्टी के बीच विवाद की पहली चिंगारी अभी ताज़ा है। इस टकराव के कारण दोनों विधायकों के बीच झड़प की खबर ताजा है और इसकी जिम्मेदार राष्ट्रवादी की नवनियुक्त मंत्री अदिति तटकरे को बताया जा रहा है।
शरद पवार ने महाविकास अघाड़ी का प्रयोग किया और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान कर दिया। वरिष्ठ राकांपा नेता सुनील तटकरे की बेटी अदिति तटकरे को सीधे उनके मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया साथ ही उन्हें रायगढ़ जिले के संरक्षक मंत्री पद की भी जिम्मेदारी दी गई। अब इस बार भी अजित पवार की बगावत के बाद तटकरे ने उनका साथ दिया और अजित पवार ने अदिति तटकरे को दोबारा कैबिनेट मंत्री बनने का मौका दिया। लेकिन इससे शिंदे के उन विधायकों को निराशा हुई है, जो उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। अदिति तटकरे पीछे से आईं और मंत्री हो गईं, ऐसी भावना शिंदे गुट के विधायकों ने व्यक्त की है। इसी के चलते शिवसेना विधायक भरत गोगावले ने अदिति तटकरे के मंत्री बनने का कड़ा विरोध किया है।
पिछली मवीआ सरकार में जो कुछ हुआ, उसके कारण जिले के 6 विधायक अदिति तटकरे के मंत्रीपद के विरोध में हैं। साथ ही सरकार बनाते वक्त मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच कुछ बातें तय की गई थीं, इसमें रायगढ़ जिले के पालक मंत्री पद को लेकर भी गणित तय किया गया था। उस समय ज़ब मुझे मन्त्रीपद मिलना चाहिए था, तब मुझे रोक दिया गया, साथ ही यह निर्णय लिया गया कि रायगढ़ जिले का संरक्षण मन्त्रीपद शिंदे गुट की शिवसेना के पास रहेगा। उस समय यह तय किया गया था, ज़ब केवल दो पार्टीयों की सरकार थी।
विधायक भारत गोगावले ने कहा कि हमने भाजपा के साथ बातचीत कर संरक्षण मन्त्रीपद के मुद्दे को पहले ही सुलझा लिया था ताकि रायगढ़ जिले का संरक्षण मन्त्रीपद शिंदे गुट को ही मिले। अब जब तीसरी पार्टी आ गई है तो रायगढ़ के संरक्षण मंत्री पद उन्हें देने का सवाल कैसे उठ सकता है। भरत गोगावले ने यह भी कहा कि हमारी मांग है कि रायगढ़ जिले का संरक्षक मन्त्रीपद हमें तयशुदा तरीके से मिलनी चाहिए।
अजित पवार समेत 8 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद भरत गोगावले ने थोड़ी नाराजगी जताई थी। उन्होंने समझौते की भाषा बोलते हुए थोड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि अब सत्ता के बंटवारे में तीसरे पक्ष के प्रवेश से वास्तविकता को स्वीकार करना होगा। उन्होंने अपनी कमजोरी जाहिर करते हुए कहा था कि जब आप परेशान होते हैं तो क्या करते हैं- आपको सच स्वीकार करना होगा।