चाचा की चाणक्य नीति पर, भतीजे की चौतरफा चाल
राकांपा के अध्यक्ष पद से बेदखल हुए शरद पवार। अजित पवार को मिला अध्यक्ष पद, पार्टी और चुनाव चिन्ह पर ठोंका दावा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीती में चाणक्य का दर्जा रखने वाले अपनी सियासी पारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। एक ओर जहाँ करीब 40 विधायकों को तोड़ने का दावा करते हुए भतीजे अजित पवार राज्य की भाजपा और शिंदे सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गये हैं, वहीं दूसरी ओर अब पार्टी पर भी दावा ठोंक दिया है। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग का रुख किया है और पार्टी एवं पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपना हक जताया है। इतना ही नहीं अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में कहा है कि उनके पास दो तिहाई से ज्यादा विधायक हैं, इसलिए पार्टी पर उनका कब्जा होना चाहिए।
अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग को बताया कि अब शरद पवार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रहे, उनकी जगह अब अजित पवार को ही पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया है। इस गुट ने बताया कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के कहने पर यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी। और इसी दौरान शरद पवार को अध्यक्ष पद से हटाकर अजित पवार को अध्यक्ष चुन लिया गया। चुनाव आयोग से बताया गया है कि अजित पवार को अध्यक्ष चुनने के लिए 30 जून को मीटिंग बुलाई गई थी। यही नहीं प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सुनील तटकरे को जिम्मेदारी दी गई है।
बता दें कि बुधवार को शरद पवार और अजित पवार ने मुंबई में अलग – अलग मीटिंग बुलाई थी। अजित पवार की मीटिंग में 30 से ज्यादा विधायक पहुँचे, जबकि शरद पवार की मीटिंग में महज दर्जन भर नेता उपस्थित रहे |यह शरद पवार खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इसका असर शरद पवार की भाषा और बॉडी लैंग्वेज पर भी साफ नजर आया। अपनी ओर से नरमी दिखाते हुए शरद पवार ने कहा कि यदि अजित पवार के मन में कोई बात थी तो वे मुझसे कह सकते थे। हर समस्या का समाधान बातचीत से निकाला जा सकता है। साथ ही शरद पवार ने यह भी मान लिया कि उनकी पार्टी के सामने वही संकट पैदा हो गया है जो पिछले साल शिवसेना के साथ हुआ था।
पार्टी कार्यकारिणी की पहली बैठक में अजित पवार ने अपने भाषण में इरादे जाहिर कर दिए हैं। उन्होंने चाचा शरद पवार पर तंज कसते हुए पूछा कि एक राजनेता की सक्रिय उम्र 25 से 75 साल की होती है, लेकिन अब आप 82 साल के हो गये हैं। आखिर आप कहाँ रुकेंगे? इस तरह अजित पवार ने शरद पवार को राजनीती से रिटायरमेंट लेने की सलाह दे डाली है। अजित पवार ने स्पष्ट कर दिया की उन्हें मुख्यमंत्री बनना है। मेरे पास प्रदेश की जनता को देने के लिए बहुत कुछ है, और इसे जनता को देने के लिए जिम्मेदारी चाहता हूँ।