शरद पवार ने ही महाराष्ट्र में राजनितिक तख्तापलट की अवधारणा से परिचिय कराया था। अब वे वहीं फसल काट रहे हैं, जो उन्होंने बोयी थी – राज ठाकरे 

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शरद पवार ने ही महाराष्ट्र में राजनितिक तख्तापलट की अवधारणा से परिचिय कराया था। अब वे वहीं फसल काट रहे हैं, जो उन्होंने बोयी थी – राज ठाकरे 

मनसे प्रमुख ने फिर साधा शरद पवार पर निशाना। कहा इन घटनाक्रमों के पीछे कौन है, यह अभी भी स्पष्ट नहीं 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को राज्य की राजनीती में चल रही उठापटक पर कहा है कि पिछलें कुछ दिनों में महाराष्ट्र की राजनीती में जो घटनाक्रम घटित हो रहा है वह काफ़ी घृणित और मतदाताओं का भयानक अपमान है। उन्होंने यह भी कहते हुए शरद पवार पर निशाना साधा कि यह शरद पवार ही थे जिन्होंने राजनितिक तख्तापलट की अवधारणा से परिचिय कराया था। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने ही तख्तापलट करना सिखाया था, अब वे वहीं फसल काट रहे हैं, जो कभी उन्होंने खुद ही बोई थी।

राज ठाकरे का कहना है कि राज्य में जो हुआ वह बेहद घृणित है, यह महाराष्ट्र के मतदाताओं के अपमान के अलावा कुछ नहीं है। यदि कोई इन घटनाक्रमों पर जनता की राय लें, तो हर घर से उन्हें केवल गलियां ही सुनने को मिलेंगी। यह मतदाताओं का घोर अपमान है। अब की निश्चिंत नहीं हो सकता की कौन किस पार्टी में है। यह राज्य के लिए एक अपमाजनक दौर है।

राज ठाकरे ने फिर दोहराया कि चीजें अभी तक स्पष्ट नहीं हो पायी हैं कि इन घटनाक्रमों के पीछे कौन है। मनसे प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में इन सब चीजों की शुरुआत शरद पवार ने ही की थी। उन्होंने पहली बार राज्य में साल 1978 में पुलोद (पुरोगामी लोकशाही दल) सरकार का प्रयोग किया था। इसके पहले राज्य ने कभी ऐसे राजनितिक परिदृश्य नहीं देखे थे। ये सारी चीजें शरद पवार से ही शुरू हुईं और शरद पवार पर ही खत्म हो गई। ज्ञात हो कि 1978 में शरद पवार ने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस नेता वसंतदादा पाटिल की सरकार गिरा दी थी।

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि मुझे लगता है कि बगियों में से कुछ लोग जैसे प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल उस तरह के लोग नहीं हैं जो अजित पवार को फॉलो करते हों। इसलिए इन तीनों नेताओं की हरकते मुझे संदिग्ध लग रही हैं। साथ ही कुछ दिन पहले अजित पवार ने खुद कहा था कि वे सभी होर्डिंग्स पर शरद पवार की फोटो लगाएंगे, ये समझ से बिल्कुल परे है। इसलिए मैंने यह बात बार – बार दोहराई है कि मुझे बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं होगा अगर भविष्य में सुप्रीया सुले को केंद्र में मंत्री बना दिया जाये।

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