शरद पवार ने सही समय पर फैसला लिया होता, तो आज एकनाथ शिंदे नहीं बल्कि अजित पवार राज्य के मुख्यमंत्री होते – प्रफुल्ल पटेल

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शरद पवार ने सही समय पर फैसला लिया होता, तो आज एकनाथ शिंदे नहीं बल्कि अजित पवार राज्य के मुख्यमंत्री होते – प्रफुल्ल पटेल 

शरद पवार का नाम लेकर प्रफुल्ल पटेल का बड़ा खुलासा, कहा शरद पवार को पहले ही पता था मवीआ सरकार गिरने वाली है

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई : जैसे ही राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार गिरी, राकांपा के 54 में से 51 विधायक भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार बनाना चाहते थे। उस वक्त विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार को पत्र लिखकर ऐसी भावनाएं व्यक्त की थीं, लेकिन शरद पवार ने कोई फैसला नहीं लिया। राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने खुलासा किया है कि एकनाथ शिंदे ने इस मौके का फायदा उठा लिया और राज्य के मुख्यमंत्री बन गये। शरद पवार के विश्वासपात्र माने जाने वाले प्रफुल्ल पटेल के इन दावों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।

प्रफुल्ल पटेल ने कई अहम जानकारी देते हुए पुरे घटनाक्रम का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार गिर रही थी तो पार्टी में क्या चल रहा था। जब ये तय हो गया कि ठाकरे सरकार गिर जाएगी तो राकांपा विधायकों ने शरद पवार को चिट्ठी लिखी जिसमें कहा गया कि विधायक और कार्यकर्ता चाहते हैं कि हम भाजपा के साथ जाएं। कई विधायकों को फंड नहीं मिलता, किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यदि हम भाजपा के साथ सरकार में शामिल हो जाते गईं तो विधायकों की इन समस्याओं का समाधान आसानी से हो जायेगा।

जब एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक गुवाहाटी में थे तो लगभग सभी राकांपा विधायकों ने शरद पवार से फैसला लेने का अनुरोध किया। उनका स्पष्ट विचार था कि उन्हें भाजपा के साथ सत्ता में शामिल होना चाहिए, लेकिन पवार ने फैसला नहीं किया और शिंदे ने मौके का फायदा उठाया और वह मुख्यमंत्री बने। प्रफुल्ल पटेल ने यह बताने की कोशिश की कि अगर पवार ने शी समय पर फैसला लिया होता तो आज एकनाथ शिंदे नहीं बल्कि अजित पवार मुख्यमंत्री होते।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पटेल से पूछा गया कि राकांपा ने भाजपा के साथ जाने का फैसला क्यों किया। इसके जवाब में पटेल ने कहा कि राकांपा पार्टी शिवसेना के साथ सरकार बना सकती है, तो फिर भाजपा के साथ क्यों नहीं। राकांपा विधायकों की भाजपा के साथ जाने की योजना थी, इसके बाद अजित पवार ने देवेन्द्र फड़णवीस से चर्चा शुरू की। फिलहाल 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। अगले कुछ दिनों में और विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। अजित पवार और फड़णवीस के बीच हिसाब-किताब के बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है। पटेल ने कहा इस बारे में एक-दो दिन में फैसला ले लिया जाएगा।

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