बगावत और फूट के सियासी संकट के चलते दुऱ होगा ठाकरे बन्धुओं का मनमुटाव?
मनसे नेताओं द्वारा उद्धव और राज ठाकरे को एकसाथ लोकसभा चुनाव लड़ने की अपील
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई : शिंदे-फडणवीस सरकार के एक साल पूरे होने पर अब इस सरकार में अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। रविवार अजित पवार के साथ राकांपा के 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। शिवसेना के बाद अब राकांपा में भी फूट पड़ गई है। राज्य में 2019 से लगातार नाटकीय घटनाक्रम चल रहा है, वे घटनाएँ आज भी जारी हैं। राज्य में शिंदे-फडणवीस-अजित पवार सरकार आई तो अब ठाकरे बंधुओं के बीच सुलह की चर्चा शुरू हो गई है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेताओं ने पार्टी प्रमुख राज ठाकरे से लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को समर्थन देने की मांग की है। ठाकरे बन्धुओं को साथ आना चाहिए, यह लोगों की भावना है। मनसे नेताओं ने राज ठाकरे से कहा कि इस बारे में सोचें। राज ठाकरे ने इस पर सतर्क रुख अपनाते हुए कहा कि उन्हें, उद्धव ठाकरे गुट को जारी रहने दीजिए, बैठकें होने दीजिए और घटनाक्रमों को चलने दीजिए। हमें एक भूमिका निभानी है, आप काम करते रहें और देखते हैं आगे क्या होता है। आगामी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में राज ठाकरे ने अहम नेताओं के साथ हुईं बैठक के दौरान कहा।
पार्टी नेताओं की बैठक के बाद राज ठाकरे ने राज्य में मौजूदा घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारा करंट अफेयर्स से कोई लेना-देना नहीं है। शरद पवार कह रहे हैं कि वे अजित पवार के फैसले के खिलाफ हैं, लेकिन दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल जैसे नेता सरकार में खामखा शामिल नहीं होंगे। राज ठाकरे ने शरद पवार के बयानों और भूमिका पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि अगर कल सुप्रिया सुले केंद्र में मंत्री बन जाएं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।
राज ठाकरे द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को एक साथ आना चाहिए। लोग चाहते हैं कि दोनों भाई एक साथ आएं, हर कोई जानता है कि मैंने इसके लिए प्रयास किया। हमने इस बारे में राज ठाकरे से भी बात की है। नांदगांवकर ने आगे कहा कि राज ठाकरे ने कहा है कि वे इस संदर्भ में बैठक करूंगा और बात करूँगा।