एक साल बाद भी लगातार झटके झेल रही है उद्धव ठाकरे की शिवसेना
पार्टी उपनेता एवं पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने छोड़ी युबीटी। इस्तिफे की वजह बताते हुए कहा उपनेता होने के बावजूद नहीं मिल रही थी कोई तवज्जो
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – शिवसेना में पिछले साल एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत के चलते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद गवाने के बाद से उद्धव ठाकरे को लगातार झटके मिल रहे हैं। पहले पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन गया और एक-एक करके सभी करीबी भी अलग हो गये। अब उद्धव ठाकरे को एक और बड़ा जबरजस्त झटका लगा है। शिवसेना के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शिशिर शिंदे वही नेता हैं जिसने बालासाहेब के आदेश पर कुछ शिवसैनिकों को लेकर मुंबई में भारत – पाकिस्तान मैच रुकवाने के लिए वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद डाली थी।
पूर्व विधायक शिशिर शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तिफे में लिखा कि एक साल पहलें शिवसेना युबीटी के उपनेता के रूप में नियुक्त किये जाने के बावजूद उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछलें छह महीनों में उद्धव ठाकरे से मिलना तक असंभव हो गया था।
शिशिर शिंदे की पहचान शिवसेना के एक तेज तर्रार नेता के रूप में की जाती रही है। शिशिर शिंदे सुर्खियों में तब आये जब उन्होंने 1991 में कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ साल 1991 में भारत – पाकिस्तान एकदिवसीय मैच को रोकने के लिए मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम की पिच खोद डाली थी।
बाद में उन्होंने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जॉइंट करने के लिए शिवसेना छोड़ दी और साल 2009 में भांडुप विधानसभा से विधायक चुने गये। लेकिन फिर उन्होंने 2018 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में वापसी कर ली।