चक्रवात बिपरजोय के मद्देनजर अलर्ट मोड पर ठाणे जिला प्रशासन

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चक्रवात बिपरजोय के मद्देनजर अलर्ट मोड पर ठाणे जिला प्रशासन

रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर सुदाम परदेशी का सख्त निर्देश, खाड़ी में मछली पकड़ने और यात्री नाव यातायात अगली सूचना तक पूर्ण रूप से बंद

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

ठाणे – अरब सागर के पश्चिमी तट पर और चक्रवाती तूफान बिपरजोय के मद्देनजर एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है और इसके चक्रवात बनने की प्रबल संभावना है। इसको लेकर ठाणे जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी संबंधित विभागों, मछुआरों और नागरिकों को चेतावनी जारी की है। आपदा प्रबंधन विभाग ने अगली सूचना तक ठाणे की खाड़ी में मछली पकड़ने और यात्री नाव यातायात को रोकने के भी निर्देश दिए हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं रेजिडेंट डिप्टी कलेक्टर सुदाम परदेशी की अध्यक्षता में ठाणे कलेक्टर कार्यालय में मंगलवार की शाम एक बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में परदेशी ने सभी स्थानीय व्यवस्थाओं को अलर्ट रहने की हिदायत दी है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चक्रवात बिपारजॉय और अरब सागर में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के संबंध में नागरिकों और मछुआरों से उचित देखभाल करने की अपील की है | इसके लिए प्राधिकरण की ओर से जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार सभी विभाग कंट्रोल रूम संचालित करें। सुनिश्चित करें कि टेलीफोन नंबर सक्रिय हैं। आपात स्थिति के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दें। मछली पकड़ने वाली नौकाओं को तुरंत वापस किनारे पर बुला लिया जाना चाहिए। इसलिए मछली पकड़ने का लाइसेंस अगली सूचना तक जारी नहीं किया जाना चाहिए और मछुआरों को गहरे समुद्र में जाने से रोक दिया जाना चाहिए। मछली पकड़ने के घाटों पर नोटिस बोर्ड लगाए जाने चाहिए। नावों से यात्री यातायात को रोका जाना चाहिए। अगले निर्देश तक यात्री यातायात बंद रखा जाए। ऐसा स्पष्ट निर्देश आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से दिया गया है।

साथ ही, यात्री नावों पर लाइफ जैकेट और ब्वॉय उपलब्ध हों, इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए, समुद्र तट पर सभी जल क्रीड़ा गतिविधियों को बंद कर दिया जाना चाहिए, पर्यटकों और नागरिकों को समुद्र तट पर जाने से रोक दिया जाना चाहिए, पेड़ों को काटने के लिए कटर चक्रवात, पेड़ों को हटाने के लिए जेसीबी तत्काल उपलब्ध होनी चाहिए।साथ ही मोबाइल टावर गिरने की स्थिति में वैकल्पिक संचार व्यवस्था की जाए साथ ही मोबाइल टावर की बिजली आपूर्ति ठप होने की स्थिति में टावर स्थल पर बिजली जनरेटर की व्यवस्था की जाए। बिजली आपूर्ति- बिजली वितरण कंपनी को यह योजना बनानी चाहिए कि पेड़ और खंभे गिरने से बिजली की आपूर्ति बाधित होगी, ऐसी स्थिति में पर्याप्त जनशक्ति और सामग्री उपलब्ध होगी। अस्पतालों में एंबुलेंस, आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं तैयार रखी जाएं। सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारी संबंधित अस्पतालों में उपलब्ध रहें, इसका ध्यान रखा जाए। इसमें भी ऐसे निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, चक्रवात और मानसून के दौरान पेड़ गिरने के कारण बाढ़ के कारण यातायात व्यवस्था बाधित होने की भी प्रबल संभावना है। इसलिए यह योजना बनाई जाए कि वैकल्पिक व्यवस्था, यातायात पुलिस कर्मी, स्वयंसेवक, पेड़ हटाने की सामग्री तुरंत उपलब्ध हो। जिन विभागों के अधिकार क्षेत्र में सड़क, पुल आते हैं, वे यातायात व्यवस्था की समुचित योजना बनाएं। इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की रहेगी।संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि घटना की रिपोर्ट तत्काल कलेक्टर कार्यालय के कंट्रोल रूम को सौंपी जाए। जिन विभागों के अधिकार क्षेत्र में सड़क, पुल आते हैं, वे यातायात व्यवस्था की समुचित योजना बनाएं। इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की रहेगी। संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि घटना की रिपोर्ट तत्काल कलेक्टर कार्यालय के कंट्रोल रूम को सौंपी जाए। जिन विभागों के अधिकार क्षेत्र में सड़क, पुल आते हैं, वे यातायात व्यवस्था की समुचित योजना बनाएं। इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग की रहेगी।संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि घटना की रिपोर्ट तत्काल कलेक्टर कार्यालय के कंट्रोल रूम को सौंपी जाए।

निचले इलाकों में भारी बारिश से घरों में पानी घुसने की संभावना रहेगी। इसके लिए उचित उपाय किए जाने चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए कि सुरक्षित स्थानांतरण के लिए चुने गए स्थान पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं। चक्रवात एवं मानसूनी वर्षा के कारण जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर पट्टी पर पहुंचने वालों के लिए तत्काल व्यवस्था की जाए। इसके बारे में एक अद्यतन सूची सार्वजनिक की जानी चाहिए। साथ ही चक्रवात एवं मानसून काल में पंजीकृत मछुआरा संगठनों से समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही की जाये। चक्रवात एवं मानसून काल में रेलवे ट्रैक पर जलभराव या यातायात बाधित होने से बाढ़ की स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक कदम उठाये जाने एवं जिला प्रशासन से आवश्यक समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये हैं।

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