धर्मांतरण के आरोपी बद्दो की ट्रांजिट रिमांड मंजूर

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धर्मांतरण के आरोपी बद्दो की ट्रांजिट रिमांड मंजूर

ठाणे से पुलिस सड़क मार्ग से गाजियाबाद लाएगी। ऑनलाइन गेम की आड़ में पढ़वाता था कुरान। गाजियाबाद पुलिस ने रविवार को अलीबाग से किया था गिरफ्तार

योगेश पाण्डेय – संवाददाता

ठाणे – ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में चल रहे धर्मांतरण सिंडिकेट के सरगना खान शहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो की ट्रांजिट रिमांड 15 जून तक मंजूर हो गई है। गाजियाबाद पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हम बद्दो को सड़क मार्ग से ठाणे से गाजियाबाद लेकर जाएंगे। यहां से लेकर जाने और कोर्ट में पेश करने तक करीब 3 दिन का समय लगेगा।

इस पर कोर्ट ने कहा है कि मुल्जिम को रास्ते में खाना, दवाई की दिक्कत न हो, उसकी सुरक्षा का ख्याल रखा जाए। सोमवार दोपहर बाद गाजियाबाद पुलिस बद्दो को लेकर ठाणे से रवाना होगी। गाजियाबाद पुलिस ने रविवार शाम ठाणे में समुद्र किनारे लॉज से बद्दो को गिरफ्तार किया था। वह ऑनलाइन गेम जिताने की आड़ में लड़कों को कुरान पढ़वाता था।

खान शाहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो अपना असली नाम छिपाकर शाहबाज खान नाम से लॉज में छिपा हुआ था। ठाणे पुलिस ने बद्दो को मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले दोस्त तौफीक और आर्यन खान को भी हिरासत में लिया है। उनसे ठाणे में ही पूछताछ चल रही है।

बद्दो अलीबाग के जिस लॉज में ठहरा था, वहां वो 10 जून की रात करीब 8 बजे पहुंचा। CCTV में उसके साथ एक युवक और युवती दिखाई दिए। ये युवक बद्दो का भाई बताया गया, जबकि युवती लॉज कर्मचारी थी। रिसेप्शन पर एंट्री रजिस्टर में बद्दो ने अपना नाम खान शहनवाज की जगह शहबाज खान लिखवाया। एड्रेस उसने मुम्ब्रा की जगह नई दिल्ली लिखा। मोबाइल नंबर भी गलत लिखवाया था।

23 साल का खान शहनवाज मकसूद ठाणे जिले के मुम्ब्रा इलाके का रहने वाला है। एक जून को जैसे ही गाजियाबाद पुलिस ठाणे पहुंची, वो वर्ली इलाके में जाकर छिप गया। पुलिस जब वर्ली पहुंची तो यहां से वो भागकर अलीबाग जा पहुंचा।

अलीबाग पुलिस की मदद से ठाणे ग्रामीण पुलिस ने रविवार शाम शहनवाज को एक होटल लॉज से दबोचा। आरोपी से एक One Plus मोबाइल भी रिकवर हुआ है। आरोपी के घर पर एक कम्प्यूटर मिला है, पुलिस ने जांच के लिए उसे भी कब्जे में लिया है। कहा जा रहा है कि बद्दो के सोशल मीडिया पर तमाम फर्जी नाम से अकाउंट्स हैं।

शुरुआती पूछताछ में बद्दो ने पुलिस को बताया, गाजियाबाद के पीड़ित नाबालिग लड़के से मेरी जान-पहचान साल-2021 के शुरुआत में Fort Nite गेमिंग एप्लिकेशन के जरिये हुई थी। इस गेमिंग एप पर Discod नामक सर्विस के जरिये खिलाड़ियों के बीच बातचीत करने की सुविधा थी। इसी सर्विस से बद्दो ने पीड़ित नाबालिग का मोबाइल नंबर लिया और फोन के जरिये बातचीत शुरू कर दी।

दिसंबर-2021 से बद्दो ने पीड़ित लड़के से Valorant गेम खेलना शुरू कर दिया। इस गेम में IICE-BOX टारगेट को पूरा करना होता है। नाबालिग लड़के को ये टारगेट पूरा करना था और वो बद्दो की कही बातों में आता चला गया। बद्दो ने टारगेट पूरा करने के लिए कुरान की आयत पढ़ने का सुझाव दिया। नाबालिग लड़का गेम जीतने के लिए झांसे में आता चला गया। इसके बाद बद्दो ने ब्रेनवॉश करने के लिए उसको प्रतिबंधित जाकिर नाईक के वीडियो भेजने शुरू कर दिए।

इस पूरे मामले की शुरुआत 30 मई को हुई थी। गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले एक जैन परिवार ने पुलिस को शिकायत की और बताया कि मेरा 17 वर्षीय बेटा दिन में 5 बार जिम जाने की बात कहकर घर से निकलता था। एक दिन मैंने पीछा किया तो पता चला कि वो मस्जिद में पांचों वक्त की नमाज पढ़ने जाता है। मैंने बेटे से पूछताछ की तो उसने इस्लाम धर्म कुबूलने की बात स्वीकारी।

पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर 4 जून को मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया। मोबाइल और लैपटॉप की जांच में पुलिस को पता चला कि धर्मांतरण कराने वाला गैंग ऑनलाइन गेमिंग एप पर एक्टिव है। पुलिस जांच में इसका सरगना खान शहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो पता चला, जो महाराष्ट्र में मुम्ब्रा इलाके का रहने वाला है। 11 जून को पुलिस ने बद्दो को महाराष्ट्र से धर दबोचा है।

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