कल्याण लोकसभा की सीट भाजपा के लिए छोडेंगे एकनाथ शिंदे ?
बेटे की सीट बरकरार रखने के लिए बड़ा गेम करने की तैयारी में मुख्यमंत्री। कल्याण लोकसभा सीट पर उद्धव गुट के सुभाष भोईर का भावी सांसद का दावा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
कल्याण – उद्धाव ठाकरे गुट के कल्याण लोकसभा संपर्क प्रमुख और पूर्व विधायक सुभाष भोईर ने कल्याण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए मोर्चा बनाना शुरू कर दिया है, क्योंकि एक ओर महाविकास अघाड़ी में ठाणे और कल्याण की सीट ठाकरे गुट द्वारा छोड़ने का आंदोलन चल रहा है, तो दूसरी ओर कल्याण लोकसभा के अंबरनाथ कस्बे में सुभाष भोईर के जन्मदिन के अवसर पर लगाए गये बैनरों में भावी सांसद के रूप में उल्लेख किया गया है।
सुभाष भोईर 2014 में शिवसेना के टिकट पर कल्याण ग्रामीण विधान सभा से विधायक बने। लेकिन केडीएमसी नगरसेवक रमेश म्हात्रे को 2019 के चुनाव में टिकट देकर मौका दिया गया था। उस चुनाव में रमेश म्हात्रे हार गए थे और मनसे के राजू पाटिल विधायक चुने गए थे। चर्चा थी कि सुभाष भोईर एकनाथ शिंदे और सांसद श्रीकांत शिंदे से अपना टिकट कटने के चलते नाराज थे। इसलिए एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद सुभाष भोईर ने ठाकरे समूह में रहना उचित समझा। इतना ही नहीं उन्हें कल्याण लोकसभा के संपर्क प्रमुख का पद भी दिया गया।महाविकास अघाड़ी के सीट आवंटन में दो लोकसभा सीटें ठाणे और कल्याण ठाकरे गुट के लिए छोड़े जाने की संभावना है।इसीलिए सुभाष भोईर के जन्मदिन पर अंबरनाथ शहर में लगे बैनरों पर भावी सांसद’ के रूप में उनका उल्लेख किया गया है।
कल्याण लोकसभा का चुनाव कौन लड़ेगा, इस पर चर्चा अब कल्याण-डोंबिवली-अंबरनाथ क्षेत्र में शुरू हो गई है। कल्याण शिवसेना का गढ़ है और इसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए दोनों गुटों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। चूंकि शिंदे समूह और भाजपा के बीच गठबंधन है, इसलिए यदि भाजपा इस निर्वाचन क्षेत्र पर दावा करती है, तो वर्तमान सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे के ठाणे से चुनाव लड़ने और भाजपा को यह सीट देने की संभावना है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने दो बार कल्याण लोकसभा का दौरा किया। इसलिए चर्चा है कि भाजपा इस सीट पर चुनाव लड़ सकती है और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डोंबिवली के मौजूदा विधायक और मंत्री रवींद्र चव्हाण को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। भाजपा द्वारा इस सीट पर ध्यान केंद्रित किए जाने के बाद महाविकास अघाड़ी ने भी इस सीट को आजमाना शुरू कर दिया है। राकांपा की तरफ से जहां आनंद परांजपे के नाम की चर्चा हो रही है, वहीं ठाकरे गुट की तरफ से पूर्व विधायक सुभाष भोईर के नाम की चर्चा शुरू है।
लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने प्लानिंग शुरू कर दी है। पदाधिकारियों ने विधानसभा क्षेत्रों में समीक्षा बैठक कर पार्टी को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है और लगता है कि इन सीटों पर अपना नाम बरकरार रखने के लिए उम्मीदवारों में होड़ मची हुई है। कल्याण लोकसभा क्षेत्र शिवसेना का गढ़ है और इसका प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री के पुत्र सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे करते हैं। देखने में आया है कि डॉ. श्रीकांत शिंदे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों पर जोर दिया है। इसलिए फिलहाल यह देखा जा रहा है कि वे कल्याण निर्वाचन क्षेत्र पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। इस निर्वाचन क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं और छह में से तीन सीटों पर भाजपा का दबदबा है। कल्याण ग्रामीण में मनसे का दबदबा है, अंबरनाथ में शिवसेना का दबदबा है और कलवा मुंब्रा में राकांपा का दबदबा है।