कांग्रेस पार्टी से अगला कौन, संजय निरुपम भी तोड़ेंगे कांग्रेस से नाता?

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कांग्रेस पार्टी से अगला कौन, संजय निरुपम भी तोड़ेंगे कांग्रेस से नाता?

अशोक चव्हाण का बचाव करते हुए पार्टी आलाकमान को ठहराया जिम्मेदार। पार्टी के शीर्ष नेताओं से खुद भी चल रहे नाराज 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता अशोक चव्हाण ने हाथ का साथ छोड़ दिया। उनके साथ ही कांग्रेस के पूर्व एमएलसी अमरनाथ राजुरकर ने भी कांग्रेस पार्टी को आखरी स्लाम ठोंक दिया। कांग्रेस पार्टी में टूट का सिलसिला यहीं थमता नजर नहीं आ रहा है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम के भी पार्टी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं। दरअसल उन्होंने अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने के फैसले का बचाव करते हुए इसके लिए पार्टी अलाकमान को जिम्मेदार ठहराया है।

संजय निरुपम ने सोशल मिडिया के एक्स हैंडल पर ट्वीट कर कहा कि अशोक चव्हाण यक़ीनन पार्टी के लिए ऐसेट थे। कोई उन्हें लायब्लिटी क़ह रहा है तो कोई इसके लिए ईडी को जिम्मेदार ठहरा रहा है, यह सब केवल जल्दबाजी में दिया गया रिएक्शन मात्र है। अशोक चव्हाण बुनियादी तौर पर महाराष्ट्र के एक नेता की कार्यशैली से बहुत आहत थे, इसकी जानकारी समय – समय पर उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को भी दी थी। यदि समय रहते उनकी शिकायतों को गंभीरता पूर्वक लिया जाता तो शायद आज ऐसी नौबत नहीं आती। अशोक चव्हाण की तारीफ में संजय निरुपम ने कहा कि वह साधन संपन्न हैं, वे कुशल संगठक, जमीनी पकड़ वाले और एक गंभीर नेता हैं।

संजय निरुपम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व सांसद और मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने अशोक चव्हाण को लेकर आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा पिछले साल ज़ब नांदेड़ में 5 दिनों के लिए थी, तब समस्त नेतृत्व ने उनकी क्षमता का साक्षात् दर्शन किया था। चव्हाण का कांग्रेस पार्टी छोड़ना बड़ी क्षति है, कोई भी इसकी भरपाई नहीं कर पायेगा। उन्हें संभालने की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ पार्टी आलाकमान की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि संजय निरुपम खुद पार्टी से नाराज चल रहे हैं, इसके चलते ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही वह भी कांग्रेस से किनारा कर सकते हैं।

अशोक चव्हाण के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस की ओर से कहा गया कि जो लोग ऐसे कदम उठा रहे हैं, उनपर जाँच एजन्सियों का दबाव है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि जो नेता किसी न किसी वजह से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं उनके लिए भाजपा की वाशिंग मशीन वैचारिक प्रतिबद्धता के मुकाबले ज्यादा आकर्षक रहेगी। उन्होंने पोस्ट कर कहा कि ज़ब मित्र और साहकर्मी उस पार्टी को छोड़ देते हैं जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है – शायद उससे भी अधिक जिसके वे वास्तविक हकदार थे, तो यह हमेशा पीड़ा का विषय होता है।

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