शिंदे सरकार को सर्दी में भी गर्मी का एहसास करायेगा विपक्ष!

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शिंदे सरकार को सर्दी में भी गर्मी का एहसास करायेगा विपक्ष!

महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से 20 दिसंबर तक। मराठा, ओबीसी और धनगर आरक्षण के मुद्दे को लेकर विपक्ष की आक्रामक योजना 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से नागपुर में शुरू होगा। दो सप्ताह तक चलनेवाले इस सत्र में 10 दिन ही सदन की कार्यवाही हो पाएगी। शिंदे सरकार को सर्दी के मौसम में गर्मी का अहसास कराने के लिए विपक्ष ने भी कमर कस ली है। विपक्षी दलों ने संकेत दे दिए हैं कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार को हर मुद्दे पर घेरा जाएगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि सदन में सरकार को घेरने के लिए हमारे पास मुद्दों की कमी नहीं है। विशेष रूप से आरक्षण, किसान, जातिगत जनगणना जैसे मुद्दों पर जवाब देने के लिए हम सरकार को मजबूर कर देंगे। विधानमंडल सलाहकार समिति की बैठक में 7 से 20 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र बुलाने का निर्णय लिया गया। सत्र की अवधि बढ़ाने बाबत 19 दिसंबर को नागपुर में ही फिर से सलाहकार समिति की बैठक होगी। महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद हो रहा है। मराठा, ओबीसी, धनगर आरक्षण और जातिगत जनगणना जैसे अन्य मसलों को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति का पारा पहले से ही चढ़ा हुआ है। विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि बिहार की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी जातिगत जनगणना कराया जाए, ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। इसी बीच राज्य में हुई बेमौसम बारिश ने भी किसानों की हालत खराब कर दी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि यह सत्र बेहद ही गरम होगा।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र में उग्र आंदोलन के दौरान विधायकों के घर और कार्यालय तक फूंक दिए गए। मराठा आरक्षण की पहचान बन चुके मनोज जरांगे पाटील ने राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक का वक्त दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिंदे सरकार इस संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। साथ ही जातिगत मतगणना की भी घोषणा के बाबत निर्णय लेने की संभावना है। बेमौसम बारिश से किसानों को हुए नुकसान के बारे में भी सरकार से बड़ी घोषणा की उम्मीद है। जरांगे पाटील ने मांग की है कि शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार मराठा आरक्षण का प्रस्ताव लेकर आए।

महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गो-हे ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं कि मराठा आरक्षण से संबंधित प्रस्ताव शीतकालीन सत्र में आएगा, फिलहाल उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं आया है। विधानमंडल के कामकाज और अन्य प्रक्रियाओं को जब तक अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक तारीख की घोषणा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का समाधान सभी चाहते हैं। शीतकालीन सत्र की तैयारी हो रही है। पुलिस कर्मियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भोजन, आवास और क्रेच की व्यवस्था हो रही है।

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