महाराष्ट्र में महायुति का फार्मूला तय, भाजपा – 34, शिंदे गुट – 10 तो राकांपा को केवल 4 सीटें हुईं फाइनल
शिंदे गुट और अजित पवार गुट हो सकते हैं अपने ही सांसदों के कोपभाजन का शिकार। शिंदे गुट के 3 तो अजित पवार गुट के 2 सांसदों को देना होगा बलिदान
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में महायुति के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर जारी खींचतान लगभग खत्म हो चुकी है। दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में महायुति के बीच सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर लग गई है। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार रात दो बजे के करीब एक साथ एक ही विमान से मुंबई लौटे। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में जो अंतिम फॉर्मूला बना है, उसके अनुसार 34 सीटों पर भाजपा और 10 सीटों पर शिंदे की शिवसेना चुनाव लड़ेगी। अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा को केवल चार सीटों पर ही उम्मेदवारी करने का मौका मिलेगा, इसमें बारामती लोकसभा सीट शामिल होगी।
महायुति में सीट शेयरिंग का विवाद सुलझने के बाद अब भाजपा की दूसरी सूची में प्रत्याशियों के नामों का ऐलान हो सकता है। पहली सूची में भाजपा ने महाराष्ट्र की एक भी सीट के लिए प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया था। इसके बाद शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे ने निशाना साधते हुए कहा था कि पहली सूची में भाजपा के बड़े नेता नितिन गडकरी का नाम नहीं है। उन्होंने नितिन गडकरी को महाविकास अघाडी (मवीआ) में शामिल होने का ऑफर भी दे दिया था। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुंबई से लड़ने की चर्चा है। राज्य में भाजपा ने महायुति के साथ 48 में 45 सीटों जीतने का लक्ष्य रखा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा -शिवसेना गठबंधन ने राज्य में विपक्ष का सूपड़ा साफ करते हुए 41 सीटों पर जीत हासिल की थी।
महाराष्ट्र में भाजपा ने अभी तक अधिकतम 26 सीटों पर ही चुनाव लड़ा है, लेकिन इस बार पार्टी 34 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। महायुति में भाजपा को जहां ज्यादा सीटें मिली हैं तो वहीं शिंदे और अजीत पवार के सामने मुश्किलें हैं कि कैसे पार्टी में समायोजन बैठाएंगे। शिंदे के साथ अभी 13 सांसद हैं, ऐसे में उन्हें तीन सांसदों को मनाना पड़ेगा। ऐसी ही स्थिति अजित पवार के सामने होगी। वे चार सीटों पर कैसे सामंजस्य बैठाएंगे। सूत्रों के अनुसार अजित पवार गुट के पास बारामती, शिरूर, रायगढ़, परभणी सीटें रह सकती हैं। शिरडी और यवतमाल के उम्मीदवार बदले जा सकते हैं।