एसटी महामंडल के पास कर्मचारी बीमा के लिए पैसे नहीं, 1100 करोड़ के घाटे में महामंडल 

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एसटी महामंडल के पास कर्मचारी बीमा के लिए पैसे नहीं, 1100 करोड़ के घाटे में महामंडल 

विधान परिषद में मुख्यमंत्री नें लिखित जवाब में कहा कि यह वास्तविकता है, सरकार जल्द ही समाधान निकलेगी

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई : राज्य परिवहन निगम (एसटी) की वित्तीय स्थिति खस्ताहाल है और सरकार ने माना है कि कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) और ग्रेच्युटी के 800 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। लिखित जवाब में एसटी महामंडल ने विधान परिषद में 1100 करोड़ रुपये का घाटा बताया है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा परिवहन निगम के घाटे की भरपाई के लिए कई उपाय किये जाते हैं, लेकिन निगम का घाटा कम नहीं हो रहा है, जिसके चलते कर्मचारियों के पीएफ के 486 करोड़ और ग्रेच्युटी के 314 करोड़ रूपये बकाया हैं।

विधान परिषद में कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने एसटी महामंडल कर्मचारियों के लंबित भुगतान को लेकर सवाल उठाया जिसके जवाब में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से दिए गए लिखित में कहा गया है कि भविष्य निधि का पैसा बकाया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति ने महामंडल की वर्तमान वित्तीय स्थिति के अनुसार अनुशंसा की है कि सरकार अगले चार वर्षों के लिए बजट के माध्यम से महामंडल को आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराये ताकि कर्मचारियों को उनका वेतन समय से मिल सके। सरकार द्वारा तदनुसार धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है।

मार्च 2023 तक कर्मचारियों के चिकित्सा भुगतान की राशि दी गई है। यह आश्वासन दिया गया है कि लंबित भुगतान धन की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा। श्रम समझौते के अनुसार कर्मचारियों के वेतन और भत्ते समय-समय पर संशोधित किए जाते हैं। हालाँकि 2016-2020 की अवधि के लिए समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। इस मुद्दे पर महामंडल और कर्मचारियों की मान्यता प्राप्त यूनियन के बीच सहमति नहीं बनने के कारण मामले को औद्योगिक न्यायालय में भेज दिया गया है। इसलिए जवाब में बताया गया है कि कर्मचारियों के वेतन और भत्ते का फैसला औद्योगिक न्यायालय के फैसले पर निर्भर करता है।

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