भारत लाया जायेगा मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड का साथी

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भारत लाया जायेगा मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड का साथी

तसव्वुर राणा के भारत प्रत्यार्पण पर अमेरिकी कोर्ट ने जताई साहमति। डेविड हेडली का करीबी दोस्त रहा है राणा

योगेश पाण्डेय – संवाददाता

मुंबई – साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। 62 साल का तहव्वुर फिलहाल अमेरिका की जेल में बंद है। लॉस एंजिलिस के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई के आदेश में कहा है कि जिन आरोपों काे आधार बनाकर भारत ने तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है, उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है।

कोर्ट के 48 पेज के ऑर्डर में मुंबई आतंकी हमले में तहव्वुर राणा की भूमिका साफ होती है। कोर्ट ऑर्डर के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा मुंबई हमले के बाद के दिनों में बेफिक्र हो गया था। वह चाहता था कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को पाकिस्तान का सबसे ऊंचा सैन्य सम्मान दिया जाए।

मुंबई के आंतकी हमले के सिलसिले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) तहव्वुर की पूरी भूमिका की पड़ताल कर रही है। इन हमलों में तहव्वुर ने आतंकियों को मदद पहुंचाई थी, इसी के चलते भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। भारत की मांग के बाद उसे अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया था।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकारी वकीलों ने तर्क दिया कि तहव्वुर इस हमले के मास्टर माइंड डेविड हेडली का बचपन का दोस्त है, और उसे पता था कि हेडली लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हेडली की मदद करके और उसे आर्थिक मदद पहुंचाकर तहव्वुर आतंकी संस्था और उसके साथ आतंकियों को भी सपोर्ट कर रहा था।

राणा को जानकारी थी कि हेडली किससे मिल रहा है, क्या बात कर रहा है। उसे हमले की प्लानिंग और कुछ टारगेट्स के नाम भी पता थे। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि राणा इस पूरी साजिश का हिस्सा था और इस बात की पूरी आशंका है कि उसने आतंकी हमले को फंडिंग देने का अपराध किया है।

कोर्ट की तरफ से जारी किए गए प्रत्यर्पण के ऑर्डर के मुताबिक, इस हमले का एक सह आरोपी राणा से दुबई में मिला था। 25 दिसंबर 2008 को उसने हेडली को एक मेल लिखकर पूछा कि राणा कैसा है? क्या वो घबराया हुआ है या रिलैक्स्ड है? अगले दिन हेडली ने जवाब दिया था कि राणा एकदम बेफिक्र है और मुझे भी समझा रहा है कि मैं न घबराऊं।

7 सितंबर 2009 को राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमले में मारे जाने वाले 9 आतंकियों को पाकिस्तानी सेना का सबसे ऊंचा सम्मान निशाने-हैदर दिया जाना चाहिए। उसने हेडली से यह भी कहा था कि मुंबई हमले की साजिश में मदद करने वाले एक साथी को बताए कि उसे टॉप-क्लास का मेडल मिलना चाहिए।

सरकारी वकील ने कहा कि लश्करे-तैयबा के हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें 6 अमेरिकी लोग शामिल थे। आतंकियों ने हत्या करने की मंशा से ऐसे काम किए जिससे लोगों की मौत हुई, या कम से कम आतंकियों को अपने एक्शन से जुड़े खतरों की जानकारी तो रही होगी। ऐसे में पुख्ता प्रमाण है कि ये केस मर्डर के सभी पैमानों को पूरा करता है। हालांकि, तहव्वुर के वकील ने इन सभी आरोपों को नकारते हुए प्रत्यर्पण का विरोध किया।

इस पर जज ने कहा कि भारत ने राणा पर केस दर्ज किया है और उसके खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया गया है, इसी आधार पर अमेरिका में कार्रवाई हो रही है। राणा पर लगाए गए आरोपों में युद्ध छेड़ने और मर्डर करने की साजिश रचने, धोखा देने के इरादे से जालसाजी करना, आतंकी गतिविधि को अंजाम देने जैसे मामले शामिल हैं। जज ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच एक्सट्रैक्शन यानी प्रत्यर्पण संधि हुई है। राणा का भारत प्रत्यर्पण इसी संधि के तहत किया जाएगा।

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