मानसून में मुंबईकरों को जलजमाव से निजात दिलाने का मुख्यमंत्री का संकल्प
एकनाथ शिंदे ने लिए नालों की सफाई का जायजा। मनपा अधिकारीयों और ठेकेदारों को दिया सख्त निर्देश
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – यदि मुंबई के लगभग 2200 किमी लंबे नालों की अच्छी तरह से सफाई की जाए तो इस साल मानसून के दौरान मुंबईकरों को जलभराव की समस्या से निजात मिल जाएगी। इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्देश दिया है कि मुंबई के नालों से कितना मैट्रिक कचरा निकाला गया, इसपर ध्यान देने की बजाय, कहीं भी पानी जमा न हो सके इसपर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने मुंबई में नालों की सफाई के कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की।
इस अवसर पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि हर साल बारिश के मौसम में मुंबईकरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वर्ष उन्हें इस समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए नालों की अच्छे से सफाई कराई जाए। महानगर पालिका प्रशासन को बड़े पैमाने पर नालों के गहरीकरण के निर्देश देते हुए कहा है कि नालों को तब तक गहरा करें जब तक कि कठोर चट्टानी बेस न मिल जाए। अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा,लेकिन उन अधिकारी को बक्शा नहीं जायेगा जो अपने कर्तव्य का सही ढंग से पालन नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे अधिकारीयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नालों के गहरे होने से उनकी वहन क्षमता बढ़ेगी। वहीं, अधिकारियों के पास उन जगहों की जानकारी है, जहां हर साल पानी जमा होता है। इसलिए मुख्यमंत्री ने ऐसे स्थानों पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने और ठेकेदार से अच्छे तरीके से काम कराने के निर्देश दिए हैं। वर्ली में लवग्रोव उदंचन सेंटर साइट पर नालों में फ्लड गेट लगा दिए गए हैं, ताकि हाई टाइड के दौरान समुद्र का पानी नालों के जरिये शहर में न आ सके।
साथ ही मुख्यमंत्री ने बारिश के पानी को तेजी से समुद्र में फेंकने वाले फ्लड गेट और पंपों की संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने महानगर पालिका प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि रेलवे क्षेत्र के नालों की भी ठीक से सफाई हो ताकि रेल पटरियों पर पानी जमा न हो।