मीरा रोड हिंसा को लेकर एमबीवीवी पुलिस का बड़ा खुलासा, 100 से अधिक नफरती वीडियो हटवाए
हिंसा फैलाने के लिए दिल्ली, पंजाब, कर्नाटक और यूपी से फर्जी वीडियो किए अपलोड। 12 एफआईआर दर्ज कर अब तक 28 को किया गिरफ्तार
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ठाणे जिले की मीरा रोड में भड़की हिंसा को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस जांच में पता चला है कि फर्जी मैसेज के जरिए सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर शांत शहर में हिंसा का जहर खोला गया। मीरा-भायंदर और वसई-विरार (एमबीवीवी) साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया पर 100 से अधिक वायरल वीडियो भी हटा दिए हैं, जिनमें नफरत भरे मैसेज थे। उनमें से कुछ ने झूठा दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर का जश्न मनाने वाले लोगों पर भीड़ ने हमला किया था। नफरती वीडियो उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से अपलोड किए गए थे।
मीरा-भायंदर और वसई-विरार पुलिस ने चेतावनी जारी कर कहा कि फर्जी मैसेज के जरिए सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सोशल मीडिया ग्रुप के ‘एडमिन’ के खिलाफ भी ऐक्शन लिया जा सकता है। यह चेतावनी मीरा रोड के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा के चलते जारी की गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में स्थिति अब सामान्य है। इसके साथ ही इलाके में सभी दुकानें, स्कूल और अन्य प्रतिष्ठान खुल गए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी भड़काऊ वीडियो पर ध्यान न दें। साथ ही पुलिस द्वारा लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह करते हुए कहा गया है कि लोगों को न तो ऐसे फर्जी संदेशों पर विश्वास करना चाहिए और न ही उन्हें प्रसारित करना चाहिए।
मीरा रोड में हुई हिंसा को लेकर मीरा भायंदर – वसई – विरार (एमबीवीवी) पुलिस ने अब तक 12 एफआईआर दर्ज की है। इसमें से पांच नया नगर पुलिस की ओरसे दर्ज की गईं, जबकि नवघर, भायंदर और काशीमीरा पुलिस स्टेशन में भी क्रमशः एक और तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। मीरा रोड हिंसा के बाद मीरा-भायंदर और वसई-विरार पुलिस अब हमलावरों की पहचान करने में जुटी हुई है, इसके लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाल जा रहे हैं। पुलिस की माने तो करीब साढ़े चार सौ सीसीटीवी कैमरों के जरिए खुराफातियों की पहचान की कोशिश की जा रही है।