हिट ऐंड रन’ कानून में किये गये शंसोधन के विरोध में ट्रक चालकों का चक्काजाम 

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हिट ऐंड रन’ कानून में किये गये शंसोधन के विरोध में ट्रक चालकों का चक्काजाम 

ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य सांसदों को पत्र लिखकर कानून में किया गया बदलाव वापस लेने की मांग। आम जरूरतों की चीजों के बढ़ सकते हैं दाम 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए हिट ऐंड रन कानून में बदलाव किया जा रहा है। इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट ऐंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवरों की सजा को और कड़ा किया जा रहा है। दोष साबित होने के बाद 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने जोरदार विरोध किया है। इसके विरोध में महाराष्ट्र के आसपास कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। इसका असर मुंबई में भी खानपान और अन्य सेवाओं की सप्लाई पर भी पड़ सकता है। AIMTC की कोर कमिटी से चेयरमैन बल मिल्कित सिंह ने बताया कि संशोधन पर पुनर्विचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कई सांसदों को पत्र लिखा गया है। कानून वापस नहीं लिया गया, तो विरोध तेज करने के लिए 2 जनवरी को बैठक की जाएगी।

हिट ऐंड रन केस में दस साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। AIMTC के अनुसार कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए, प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। सिंह ने बताया कि देशभर में पहले से ही 27 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है, इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है। AIMTC का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।

कानून संशोधन के विरोध में शनिवार से ही ड्राइवरों ने राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी में चक्काजाम करना शुरू कर दिया है। बल मिल्कित सिंह ने बताया कि फिलहाल चक्काजाम की AIMTC द्वारा कोई घोषणा नहीं की गई है, यह विरोध हताश ड्राइवरों द्वारा किया जा रहा है। ड्राइवरों को सब्र से काम लेने की अपील की गई है। विरोध तेज होने पर इसका सीधा असर रोड सप्लाई चेन पर होगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। पेट्रोल-डीजल की सप्लाई भी रुक सकती है, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में परेशानी होगी।

अभी हिट ऐंड रन केस को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है। अब नये संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट ऐंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी ड्राइवर घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे दस साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।

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