कोरोना सेंटर गबन मामले में ईडी की बड़ी कार्यवाई, 12 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त
संजय राऊत के करीबी सुजीत पाटकर पर लाइफ लाइन मैनेजमेंट सर्विसेज का टेंडर हासिल कर 31 करोड़ 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – कोरोना सेंटर गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुजीत पाटकर और उनके साझेदारों की 12 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। सुजीत पाटकर को शिवसेना सांसद संजय राउत का करीबी भी माना जाता है। जब्त की गई संपत्तियों में तीन फ्लैट, म्यूचुअल फंड और बैंक खाते शामिल हैं, इनकी कुल कीमत 12 करोड़ 20 लाख रुपये है। इस मामले में ईडी ने जुलाई 2023 में पाटकर को गिरफ्तार किया था, उन पर लाइफ लाइन मैनेजमेंट सर्विसेज का टेंडर हासिल कर 31 करोड़ 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
इस मामले में सितंबर में लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पार्टनर सुजीत पाटकर समेत छह लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। आरोपपत्र 75 पन्नों का है और इसमें फर्जी दस्तावेज जमा कर करीब 32 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है। सुजीत पाटकर, डाॅ. हेमन्त गुप्ता, संजय शाह, राजीव सालुंखे, डाॅ. किशोर बिसुरे, लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस कंपनी एवं डाॅ. अरविन्द सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया।
लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस कंपनी को एनएससीआई वर्ली और दहिसर में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध कराने का ठेका दिया गया था। इस संबंध में ईडी की ओर से बताया गया कि कंपनी द्वारा मुंबई महानगर पालिका को सौंपी गयी उपस्थिति पंजिका और दस्तावेज फर्जी थे। सूत्रों के मुताबिक कोरोना सेंटरों पर भले ही 50 से 60 फीसदी कम मेडिकल स्टाफ काम कर रहा हो, लेकिन फर्जी दस्तावेज बनाकर मेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ा दी गई थी। ईडी की जांच में पता चला कि ये सब सुजीत पाटकर के इशारे पर किया गया था। पाटकर ने कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई, उन्होंने डाॅ. बिसुरे और महानगर पालिका के अन्य अधिकारियों को विश्वास में लेकर इन मेडिकल कर्मचारियों के भोजन खर्च के दस्तावेज भी मनपा कार्यालय में जमा कराए थे। लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट कंपनी की स्थापना करते समय पाटकर ने केवल 12,500 रुपये का निवेश किया था। लेकिन ईडी की जांच में पता चला कि इस गड़बड़ी से मिली बड़ी रकम पाटकर के बैंक खाते में जमा की गई थी। जंबो कोरोना सेंटर के ठेके के लिए लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस को महानगर पालिका से 31 करोड़ 84 लाख 71 हजार 634 रुपये मिले थे। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि रकम किसके पास पंहुचाई गई।