मराठा आरक्षण के सबसे बड़े विरोधी हैं शरद पवार, उन्होंने समुदायों को फायदे के लिए लड़ाया – देवेंद्र फडणवीस

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मराठा आरक्षण के सबसे बड़े विरोधी हैं शरद पवार, उन्होंने समुदायों को फायदे के लिए लड़ाया – देवेंद्र फडणवीस

मराठा आरक्षण को लेकर उपमुख्यमंत्री के आरोप पर राकांपा विधायक जितेन्द्र आव्हाड़ का पलटवार। अपनी गलतियों का ठीकरा दुसरो पर फोड़ना बंद करे सरकार 

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा आरोप लगाते हुए विपक्ष पर निशाना साधा है। फडणवीस ने कहा कि समुदाय की मांग का सबसे बड़ा विरोध राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की ओर से हुआ। नागपुर में पार्टी पदाधिकारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए फडनवीस ने कहा कि राकांपा सुप्रीमो कभी भी इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद मराठों को आरक्षण नहीं देना चाहते थे। उधर फडणवीस के आरोपों पर राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्‍ट्र सरकार पर पलटवार क‍िया है ।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब शरद पवार ने महाराष्ट्र पर शासन किया था और जब वह पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य थे, तब उनके पास आरक्षण देने के कई अवसर थे। फडणवीस ने कहा कि जब भाजपा ने 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र सरकार का नेतृत्व किया तो हमने न केवल आरक्षण दिया था, बल्कि बॉम्बे हाईकोर्ट में इसका सफलतापूर्वक बचाव भी किया था।

फडणवीस ने कहा क‍ि महा विकास अघाड़ी शासन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया था। क्‍योंक‍ि तत्‍कालीन सरकार मराठा आरक्षण के लिए एक मजबूत दावा पेश करने में विफल रही थी। उधर राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि महायुति के नेता जानबूझकर ओबीसी और मराठा के बीच विवाद खड़ा कर रहे हैं। सरकार को आरक्षण नहीं देना है, इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए शरद पवार का नाम लेते हैं। आव्हाड ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कहा कि खुद की असफलता का ठीकरा दूसरों पर फोड़ना उनका पहले से काम रहा है।

आव्हाड ने फडणवीस को चुनौती दी है कि वह शरद पवार की ओर से मराठा आरक्षण के विरोध में एक बार भी दिए गए बयान को साबित करें। ठाणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आव्हाड ने कहा कि शरद पवार ही हैं, जो सबसे पहले मराठा आरक्षण का समर्थन कर चुके हैं। मराठों की पहले की स्थिति और अब की स्थिति अलग हो चुकी है। उनकी आर्थिक स्थिति भी ख़राब है। ऐसे में उनको आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन शिंदे सरकार मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए सह्याद्रि जैसे खड़े शरद पवार को बेवजह निशाना बनाती है।

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