महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट में हुईं सुनवाई
कोर्ट ने कहा स्पीकर द्वारा दिए गये कारण वाजिब,10 जनवरी तक लें फैसला। पहले 31 दिसंबर तक दी थी डेडलाइन
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को और 10 दिन का समय दिया है। राहुल नार्वेकर को पहले 31 दिसंबर तक का समय दिया गया था। अब डेडलाइन बढ़ाकर 10 जनवरी 2024 कर दी गई है। दरअसल शिवसेना उद्धव गुट और राकांपा शरद पवार गुट मिलकर एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ पार्टी तोड़कर जाने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले पर जल्द फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
राहुल नार्वेकर ने गुरुवार 14 दिसंबर को कोर्ट को बताया था कि विधायकों की अयोग्यता को लेकर 2 लाख 71 हजार से अधिक पन्नों के डॉक्यूमेंट्स दाखिल किए गए हैं। महाराष्ट्र का विधासनभा सत्र भी चल रहा है, इसलिए मुझे फैसला लेने के लिए 3 हफ्ते का समय लगेगा।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार को कहा कि विधानसभा स्पीकर ने फैसले में देरी के जो कारण बताए हैं, वो वाजिब है। हम अध्यक्ष को फैसला सुनाने के लिए 10 जनवरी तक का समय देते हैं।
इससे पहले कोर्ट ने 17 अक्टूबर को कहा था कि हम नहीं चाहते कि यह मामला महाराष्ट्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक लटक जाए। हमने बार-बार स्पीकर से फैसला लेने के लिए कहा है, अगर वह फैसला नहीं करेंगे तो हम करेंगे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 29 अक्टूबर को विधायकों की अयोग्यता मामले पर बयान देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा, उनका केस मजबूत है। अगर ऐसा हुआ भी तो वो अपना कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री ही पूरा करेंगे। हम उनका पद बरकरार रखने के लिए उन्हें विधान परिषद सदस्य के रूप में चुन लेंगे।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे जिसमें भाजपा 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और भाजपा गठबंधन में बात नहीं बन पाई। 56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली राकांपा के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बनाई थी।
जून 2022 में एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और शिवसेना के दो हिस्से हो गए थे। जिसके चलते महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार गिर गई थी। एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली। भाजपा ने शिंदे को मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया था।
इस साल जुलाई में अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) तोड़कर 9 विधायकों के साथ भाजपा-शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे। अजित पवार ने 2 जुलाई 2023 को राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।