मराठा आरक्षण की बढ़ी मांग, पिछले 11 दिनों में 13 आत्महत्याओं ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें 

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मराठा आरक्षण की बढ़ी मांग, पिछले 11 दिनों में 13 आत्महत्याओं ने बढ़ाई सरकार की मुश्किलें 

शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष ने की राज्यपाल से मुलाक़ात, मराठा आरक्षण पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का सौंपा ज्ञापन

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – राज्य में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर रविवार 29 अक्टूबर को एक अन्य युवक ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान बीड जिले के परली तालुका के रहने वाले गंगाभीषण रामराव के रूप में हुई है। यह जिले में पिछले दो दिनो में आत्महत्या की दूसरी घटना है। वहीं, राज्य में पिछले 11 दिनों में कुल 13 लोग सुसाइड कर चुके हैं।

इससे पहले शनिवार 28 अक्टूबर को एक पंचायत सदस्य ने खुदकुशी की थी। मरने वाले का नाम महेश कदम था और वह अहमदनगर की ढालेगांव तहसील का रहने वाला था। महेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि लगातार सूखे के चलते स्थिति खराब होती जा रही है। मुझे मराठा रिजर्वेशन नहीं मिला, जिसके चलते बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो गया है।

इधर राकांपा शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, सांसद सुप्रिया सुले और विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मराठा आरक्षण को लेकर राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन में मुलाकात की है। उन्होंने इसे लेकर उनसे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

दो दिन पहले 27 अक्टूबर को 2 और लोगों ने खुदकुशी की थी। पुलिस ने बताया था कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या की। वहीं मराठा आरक्षण के नेता मनोज जारांगे पाटिल ने 27 अक्टूबर को कहा था कि राज्य सरकार आरक्षण के विरोध में हैं। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही है। शिंदे सरकार ने 7 सितंबर को मराठा आरक्षण पर एक कमेटी बनाई, जिसे रिटायर्ड जज संदीप शिंदे लीड कर रहे हैं। कमेटी को रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन बढ़ाकर 24 दिसंबर कर दी गई है।

बीड़ जिले के अंबाजोगई तहसील के रहने वाले 27 साल के शत्रुघ्न काशिद शुक्रवार को रात करीब साढ़े 11 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए। उन्होंने दो घंटे तक मनोज जारांगे और आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए। वो सुसाइड करने जा रहा थे। लोगों की सूचना पर जारांगे ने काशिद से बातचीत भी की। पुलिस ने भी उसे मनाने की कोशिश की। कुछ देर बाद काशिद ने पानी की टंकी से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद सुबह लोगों ने काशिद का शव शिवाजी की प्रतिमा के पास रखकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 5 मराठा गांवों और बारामती मराठा क्रांति मोर्चा ने भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि नेता यहां न आएं।

खुदकुशी का दूसरा मामला उस्मानाबाद जिले के परांडा तहसील के डोमगांव का है। पेशे से किसान 47 साल के बलिराम देवीदास साबले ने शुक्रवार को अपने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार के मुताबिक साबले शुक्रवार को सुबह अपने भतीजे के साथ मराठा आरक्षण पर बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने अपने भतीजे से कहा कि मराठाओं को आरक्षण नहीं मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें। इसके बाद साबले सुबह 10 बजे अपने घर से निकले। दोपहर तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी हीराबाई उन्हें ढूंढने खेत की ओर गई। जब वे अपने खेत पहुंची तो उन्होंने साबले का शव पेड़ पर लटकते हुए देखा।

भाजपा विदर्भ में OBC जनाधार के बूते मजबूत है। राज्य की 48 लोकसभा सीट में से 11 इसी इलाके में हैं और भाजपा 10 सीटों पर काबिज है। राज्य की 288 विधानसभा सीटों में 62 इसी क्षेत्र से हैं। देवेंद्र फडणवीस जब मुख्यमंत्री थे तो 2018 में उन्होंने मराठों को 16% आरक्षण देने की व्यवस्था की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में इसे खारिज कर दिया। साथ ही इस साल अप्रैल में इस मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दीं गई।

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