यदि अयोग्य हुए तब भी एकनाथ शिंदे विधान परिषद सदस्य के रूप में पूरा करेंगे मुख्यमंत्री का कार्यकाल – देवेंद्र फडणवीस
बागी विधायकों की अयोग्यता पर उपमुख्यमंत्री का बड़ा बयान। जल्द ही फैसले की संभावना, विधानसभा स्पीकर रविवार को दिल्ली रवाना
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधायकों की अयोग्यता मामले पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा, उनका केस मजबूत है।
अगर ऐसा हुआ भी तो वो अपना कार्यकाल बतौर मुख्यमंत्री ही पूरा करेंगे। हम उनका पद बरकरार रखने के लिए उन्हें विधान परिषद सदस्य के रूप में चुन लेंगे। वहीं, विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर अयोग्यता मामले पर चर्चा के लिए रविवार 29 अक्टूबर को दिल्ली रवाना हो गए।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को अंतिम मौका देने की बात कहते हुए कहा था कि विरोधी खेमे यानी उद्धव ठाकरे की तरफ से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला लेने के लिए स्पीकर वास्तविक समय-सीमा निर्धारित करें। अयोग्यता की याचिकाओं पर जल्द निर्णय लिए जाने की जरूरत है।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 17 अक्टूबर को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर कहा था कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को असंवैधानिक माना जाए।
नार्वेकर ने 21 सितंबर को कहा था कि मैं शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।
विधानसभा स्पीकर ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के 3 दिन बाद पत्रकारों से बात करते हुए यह बातें कहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को शिवसेना शिंदे गुट के 16 और उद्धव गुट के 40 विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई की थी। कोर्ट ने अब विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर फैसला लंबे समय तक टाल नहीं सकते। आपको इसकी समय सीमा तय करनी होगी।
महाराष्ट्र में विधायकों के अयोग्यता (डिसक्वालिफिकेशन) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने इस मामले में लगातार हो रही देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि कोई उन्हें स्पीकर राहुल नार्वेकर को समझाए कि वे हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती।
एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला विधानसभा स्पीकर पर छोड़ दिया था।
वहीं उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले पर फिर से विचार करने की अपील की थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया था- विधानसभा अध्यक्ष मामले को जानबूझकर टाल रहे हैं।