खिचड़ी घोटाले में ईडी की बड़ी कार्यवाई
मुंबई में सात जगहों पर एक साथ छापेमारी, महानगर पालिका उपायुक्त समेत ठाकरे गुट के नेताओं पर शिकांजा
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को दी जाने वाली खिचड़ी में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को सात जगहों पर छापेमारी की। इसमें बृहन्मुंबई महानगर पालिका के उपायुक्त और शिवसेना ठाकरे समूह के नेता शामिल हैं।
6.5 करोड़ के खिचड़ी घोटाले के मूल मामले की एफआईआर मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध विभाग ने दर्ज की है, उसके आधार पर ईडी ने पैसों की हेराफेरी के संदेह में जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि शिवसेना उद्धव ठाकरे समूह के नेता सुजीत पाटकर ने परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट से 45 लाख रुपये प्राप्त किए। इसके अलावा संदेह है कि अमोल कीर्तिकर के खाते में 53 लाख रुपये और सूरज चव्हाण के खाते में 37 लाख रुपये ट्रांसफर किये गये। संदेह है कि इसी माध्यम से संबंधित आरोपियों ने अपने राजनीतिक प्रभाव से कुछ कंपनियों और रेस्तरां को खिचड़ी वितरण का ठेका दिलाने में मदद की।
इस मामले में सुजीत पाटकर, सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंखे, फोर्स वन मल्टी सर्विस के पार्टनर और कर्मचारी, स्नेहा कैटरर के पार्टनर और महानगर पालिका के अन्य अधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध विभाग ने मामला दर्ज किया है। इन सभी घोटालों के दौरान महानगर पालिका परिमंडल 1 की उपायुक्त संगीता हसनाले योजना विभाग में थीं। लेकिन उन पर आरोप है कि उन्होंने निजी ठेकेदार कंपनियों की क्षमता की जांच किए बिना ही आरोपी फर्म ठेकेदारों को ठेका दे दिया।
ईडी द्वारा 7 ठिकानों पर हुईं छापेमारी में संगीता हसनाले, सूरज चव्हाण के निवासस्थान समेत परेल में वैष्णवी किचन/सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट, गोरेगांव में एफएनजे एंटरप्राइजेज, मुलुंड में स्नेहा कैटरर्स एंड डेकोरेटर्स, गोल्डन स्टार हॉल एंड बैंक्वेट और गोवंडी के फायरफाइटर के आवास समेत सात जगहों पर ईडी ने बुधवार को छापेमारी की।