राजनितिक समीकरण से सहानुभूति की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

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राजनितिक समीकरण से सहानुभूति की ओर अग्रसर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

शिवाजी पार्क में ठाकरे गुट के दशहरा रैली करने का मार्ग प्रशस्त, शिंदे गुट ने आवेदन लिया वापस

योगेश पाण्डेय – संवाददाता 

मुंबई – पिछले कई सालों से शिवसेना की पहचान रही दशहरा रैली बस कुछ ही दिन दूर है। मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाली इस दशहरा रैली पर पूरे राजनीतिक हलके की नजर है। हालाँकि पिछले साल शिव सेना में दो गुटों अर्थात् ठाकरे और शिंदे के पतन के कारण, इस बात पर विवाद हुआ था कि शिवाजी पार्क में दशहरा रैली का आयोजन कौन करेगा, मामला हाई कोर्ट में गया और आख़िरकार ठाकरे गुट ने ये कानूनी लड़ाई जीती। इसके बाद यह अनुमान लगाया गया था कि इस साल एक बार फिर शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने को लेकर ठाकरे और शिंदे गुट के बीच कानूनी लड़ाई होगी। हालाँकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा अपनाए गए सौहार्दपूर्ण रुख ने ठाकरे गुट के लिए शिवाजी पार्क में दशहरा रैली आयोजित करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।

इस साल के दशहरा रैली के लिए शिवाजी पार्क मैदान की मांग करने के लिए ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों ने मुंबई महानगर पालिका को आवेदन किया था। हालांकि शिंदे गुट के विधायक सदा सरवणकर ने मुख्यमंत्री शिंदे के आदेश पर इस अर्जी को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है। विधायक सदा सरवणकर ने ही दशहरा सभा के लिए शिवाजी पार्क का मैदान लेने के लिए महानगर पालिका को आवेदन दिया था। हालांकि मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए सदा सरवणकर ने कहा कि वह यह अर्जी वापस ले रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आदेश के अनुसार मैं आवेदन वापस ले लूंगा। इसके बजाय हमने क्रॉस मैदान और आज़ाद मैदान में दशहरा रैली आयोजित करने के लिए महानगर पालिका को आवेदन दिया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मानना है कि दशहरा एक हिंदू त्योहार है, इस त्योहार में कोई विवाद नहीं होना चाहिए, कोई अशांति नहीं होनी चाहिए। हिंदू त्योहारों को हर्षोल्लास से मनाना चाहिए। इस संबंध में सदा सरवणकर ने बताया कि एकनाथ शिंदे ने समझदारी दिखाई और आजाद मैदान या क्रॉस मैदान में दशहरा सभा की तैयारी करने का आदेश दिया है। इसलिए ठाकरे गुट के लिए शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को बिना किसी रूकावट के आयोजित करने का रास्ता साफ कर दिया है।

पिछले साल दशहरा रैली को लेकर ठाकरे गुट और शिंदे गुट के बीच बड़ा विवाद हुआ था। कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने जोरदार बहस की थी, हालांकि आखिरी वक्त पर हाई कोर्ट ने ठाकरे गुट को ही शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की इजाजत दे दी थी। इसके चलते ठाकरे गुट ने प्रतीकात्मक लड़ाई जीत ली थी। आखिरकार शिंदे गुट ने बीकेसी मैदान में दशहरा मिलन समारोह आयोजित किया। साथ ही इन सबके चलते ठाकरे गुट के पक्ष में सहानुभूति पैदा हुई। अगर इस साल भी इस तरह की कानूनी लड़ाई होती है, तो ठाकरे गुट को फिर से सहानुभूति मिल सकती थी ऐसा राजनीतिक विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है। यही वजह है कि विवाद को बढ़ाए बिना शिंदे गुट इस साल पहले ही पीछे हट गया है।

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