दिवा वासियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
हाईकोर्ट द्वारा 14 ईमारतों को गिराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए, सभी ईमारतों को नियमित करने का दिया आदेश
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
ठाणे – दिवा के चौक इलाके में स्थित 14 इमारतों के निर्माण को हाई कोर्ट ने अवैध करार दिया था, फिलहाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस फैसले को रद्द करने के चलते इन इमारतों में रहने वाले दो हजार निवासियों को बड़ी राहत मिली है। इमारतों के स्थान का विवाद पारिवारिक विवाद से अदालत में चला गया। दिवा के चौक इलाके में 10 एकड़ जमीन के कुछ हिस्सों में 14 इमारतें हैं। 2001 से अब तक इन इमारतों में दो हजार से अधिक निवासी रह चुके हैं। इस जगह को लेकर एक महिला का अपने भाई से विवाद चल रहा था। पांच साल पहले उक्त महिला ने इस जमीन का मालिकाना हक पाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में इन इमारतों को अवैध करार दिया गया और कोर्ट ने महानगर पालिका को इनका निर्माण तोड़ने का आदेश जारी किया था।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्व उपमहापौर रमाकांत माढ़वी के मार्गदर्शन में बिल्डिंग के निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। वकीलों के माध्यम से दलील दी गई कि 14 इमारतें स्वामित्व क्षेत्र में नहीं हैं। दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलट दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया है कि इमारतों को नियमित करने के लिए निवासी स्थानीय महानगर पालिका में आवेदन करें और आवेदन मिलने के बाद महानगर पालिका अगले तीन महीने में उक्त इमारतों को कैसे नियमित किया जा सकता है, इसकी रिपोर्ट पेश करे। स्थानीय निवासी रमन लटके ने कहा कि हम चार-पांच साल से अदालती लड़ाई लड़ रहे थे, इस लड़ाई में पूर्व उपमहापौर रमाकांत माढ़वी पहले दिन से हमारे साथ खड़े थे। इस लड़ाई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद डाॅ. श्रीकांत शिंदे का भी मार्गदर्शन मिला।