16 बागी विधायकों की अयोग्यता मामले पर सुनवाई 13 अक्टूबर से
उद्धव गुट की मांग सभी 34 याचिकाएं क्लब करके एक साथ हो सुनवाई। शिंदे गुट ने जताया एतराज, कहा हमारे विधायकों को अपना पक्ष रखने दिया जाये
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की 34 याचिकाओं पर सोमवार 25 सितंबर को सुनवाई हुई। विधानसभा के सेंट्रल हॉल में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों की दलीलें सुनीं।
अब स्पीकर 13 अक्टूबर से मामले की रेगुलर सुनवाई करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि सुनवाई के दौरान कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। प्रिंसिपल ऑफ नेचर जस्टिस का पालन होना चाहिए।
उद्धव ठाकरे गुट ने दलील दी कि सभी याचिकाओं को एकसाथ क्लब करके सुनवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोई सबूत पेश करने की जरूरत नहीं है। उधर शिंदे गुट ने सभी याचिकाओं को क्लब करने की मांग का विरोध किया। शिंदे गुट का कहना है कि हर याचिका पर अलग से सुनवाई की जानी चाहिए, क्योंकि हमारे विधायक अपना पक्ष रखना चाहतें है।
स्पीकर ने मामले में पिछली सुनवाई दस दिन पहले यानी 14 सितंबर को की थी। सुनवाई सुबह 10:30 बजे शुरू हुई जो दोपहर 2 बजे तक चली। इसके बाद स्पीकर ने अगली तारीख बताए बिना मामले की सुनवाई टाल दी थी।
एकनाथ शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाया था। इसमें कोर्ट ने बागी विधायकों की सदस्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया था। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले पर फिर से विचार करने की अपील की थी। उन्होंने याचिका में तर्क दिया था कि विधानसभा अध्यक्ष मामले को जानबूझकर टाल रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को मामले पर सुनवाई की, कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि आप इस मामले पर फैसला लंबे समय तक टाल नहीं सकते। आपको इसकी समय सीमा तय करनी होगी।
उधर 21 सितंबर को महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैं शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। उन्होंने कहा जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।