आगामी चुनावों की पृष्ठभूमि पर देश के प्रमुख पांच मंदिरों पर हमले का इनपुट। इन मंदिरों की सुरक्षा चुनाव तक सेना को दे देनी चाहिए – प्रकाश अंबेडकर
वंचित बहुजन अघाड़ी नेता ने साधा केंद्र सरकार ओर निशाना, कहा चुनावों में हिन्दू वोटों का ध्रुवकरण करने की साजिश रच रही सरकार
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – हमें विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि देश के पांच महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर हमला कर देश में अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही है। इस हमले की जानकारी सरकार की खुफिया एजेंसियों को भी मिल गई है। वंचित बहुजन अघाड़ी नेता प्रकाश अंबेडकर ने आरोप लगाया है कि यह हिंदुओं के वोटों का ध्रुवीकरण करके आगामी लोकसभा चुनाव जीतने की सत्तारूढ़ पार्टी की साजिश है। इसलिए उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग की है कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने और देश में शांति बनाए रखने के लिए पांच महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को सेना को सौंप दिया जाना चाहिए।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद, अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर, मथुरा में शाही ईदगाह, जम्मू कटरा में वैष्णो देवी मंदिर, दिल्ली में स्वामीनारायण मंदिर और अक्षरधाम मंदिर संभावित निशाने पर हैं। भारतीय जनता पार्टी-आरएसएस की प्रवृत्ति धार्मिक ध्रुवीकरण की है। वंचित बहुजन अघाड़ी की मांग है कि उस रवैये को गुंजाइश नहीं मिलनी चाहिए। चुनाव तक इन सभी मंदिरों को सेना के हवाले कर देना चाहिए, चुनाव के बाद वे स्थानीय पुलिस स्टेशनों को फिर से सौंप दिए जायेंगे। अंबेडकर ने कहा कि हमारी मंशा है कि चुनाव धार्मिक प्रकृति का न हो।
पिछले नौ वर्षों की राजनीति पर नजर डालें तो एक समाज पर अत्याचार करना, ऐसा वातावरण निर्माण करने जिससे वह आतंक पैदा करने की कोशिश करे, देश में यही स्थिति है। बीच के दौर में औरंगजेब के नाम के विवाद को दूर करने की कोशिश भी हुई, लेकिन वंचित बहुजन अघाड़ी के रुख ने उस विवाद पर विराम लगा दिया। अब ऐसा लगता है कि यह तर्क देने की कोशिश की जा रही है कि मराठा ओबीसी के खिलाफ हैं, यानी यह पता लगाने की कोशिश है कि देश में अशांति कैसे पनपेगी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसी स्थिति में अम्बेडकर ने कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी द्वारा प्राप्त जानकारी के आधार पर, हिंदुओं के मंदिरों पर हमला किया जाएगा।
जिस समय लोकसभा के विशेष सत्र की घोषणा की गई थी, हमने वंचित बहुजन अघाड़ी की ओर से यह स्पष्ट कर दिया था कि यह केवल एक फोटो सेशन है। कल जो एजेंडा सामने आया उससे लग रहा है कि कोई गंभीर बिल नहीं हैं। राज्यसभा से मंजूर बिल को लोकसभा में मंजूरी दिलाना ही एकमात्र एजेंडा है। इसलिए वंचित बहुजन अघाड़ी ने यह रुख अपनाया है कि अगर 2000 की दूसरी बार नोटबंदी का फैसला हुआ तो नवंबर में चुनाव कराए जा सकते हैं। वंचित बहुजन अघाड़ी नेता प्रकाश अंबेडकर ने दावा किया है कि हम 25 तारीख तक इन दोनों भूमिकाओं को स्पष्ट रूप से समझ जाएंगे।
I.N.D.I.A. अलायंस एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़ा हो गया है, इन पांचों मंदिरों को चुनाव तक सेना को सौंप देना चाहिए, यह भूमिका I.N.D.I.A. अलायंस को भी लेनी चाहिए। अंबेडकर ने कहा कि हम उन पर जोर दे रहे हैं, जल्द ही हम इस संबंध में उनसे पत्र-व्यवहार भी करेंगे। इस हमले की जानकारी सरकार की खुफिया एजेंसियों तक भी पहुंच गई है। उन्होंने यह भी कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी इस सतर्कता के लिए मोर्चा संभाल रही है।