मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर राकांपा सुप्रीमो का बड़ा बयान
शरद पवार बोले आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा खत्म हो, इसे 15 – 16 प्रतिशत तक और बढ़ाएं
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने राज्य में जारी मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को मांग रखी कि केंद्र सरकार आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाए और इसे 15 – 16 फीसदी तक बढ़ाये, ताकि अन्य समुदाय भी इसमें शामिल हो सकें। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने I.N.D.I.A. अलायंस के सभी दलों के प्रमुखों की बुधवार को बैठक बुलाई है। यह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ – साथ विभिन्न मोर्चो पर एकजुट होकर भाजपा का मुकाबला करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
राज्य में मराठा समुदाय सरकारी नौकरीयों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है। मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए मौजूदा आरक्षण में ही जगह देने की मांग पर सवाल पूछा गया, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि और लोगों (समुदायों) को ओबीसी आरक्षण का लाभार्थी बनाना ओबीसी आरक्षण के साथ अन्याय है। हमारे पास संसद में केंद्र की ओर से आरक्षण की 50 फीसदी सीमा में संशोधन किये जाने और इसे 15 – 16 प्रतिशत बढ़ाने का विकल्प है।
शरद पवार ने कहा कि ओबीसी और अन्य समुदायों के बीच कोई फर्क नहीं होना चाहिए। वहीं महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सूखे जैसी स्थिति है। राकांपा अध्यक्ष से इसे लेकर भी मिडिया ने सवाल किया, इस पर पवार ने कहा कि सरकार को मवेशीयों के लिए चारा, पेयजल उपलब्ध कराने, फसलों को बचाने के लिए कदम उठाने, किसानों को आर्थिक सहायता करने और सभी प्रकार के राज्य कर निलंबीत करने जैसे कुछ कदम उठाने की जरुरत है।
गौरतलब है कि मराठा आरक्षण का मुद्दा गत सप्ताह तब चर्चा में आया ज़ब पुलिस ने जलाना जिले के अंतरमाली गांव में आंदोलनकारीयों पर लाठीचार्ज किया। इस दौरान लोगों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारीयों ने मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल कर रहे एक व्यक्ति को कथित तौर पर अस्पताल में भर्ती नहीं कराने दिया, जिसके बाद यह हिंसा भड़क गई। जालना में हुईं हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गये और राज्य परिवहन की 15 से अधिक बसें फूँक दी गई। यह मामला अभी भी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है, जबकि राज्य सरकार ने इस लाठीचार्ज को लेकर प्रदर्शनकारीयों से माफ़ी भी मांग ली है।