कांग्रेस के राहुल इन, तो भाजपा के कठेरिया आउट
राहुल गाँधी की संसद सदस्यता बहाल, मंगलवार को लेंगे संसद की कार्यवाई में हिस्सा। भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया की सदस्यता खत्म
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
दिल्ली – 137 दिन बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई है। लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को अधिसूचना जारी की। लोकसभा की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन राहुल लोकसभा नहीं पहुंचे। इस बीच मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल गाँधी को 23 मार्च को निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके 24 घंटे में ही 24 मार्च को सांसदी चली गई थी। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी थी। राहुल गाँधी ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 134 दिन बाद 4 अगस्त को कोर्ट ने इस केस में राहुल गाँधी को बड़ी राहत देते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी।
सिलसिलेवार घटनाक्रम इस प्रकार है – 4 अगस्त सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात कर उनसे राहुल गाँधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया था। स्पीकर ने चौधरी से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से आदेश मिलने के बाद ही वह इस पर फैसला करेंगे।
5 अगस्त शनिवार को अधीर रंजन ने छुट्टी होने के चलते लोकसभा सचिवालय में डाक के माध्यम से कागज भेजे। अधीर रंजन ने बताया कि एक अवर सचिव ने कागज रिसीव किए और साइन कर दिए, लेकिन मुहर नहीं लगाई।
7 अगस्त लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की। जिसमें लिखा था, सुप्रीम कोर्ट के 4 अगस्त के आदेश के मुताबिक राहुल गाँधी की सजा पर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते उनकी संसद सदस्यता बहाल की जा रही है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होते ही कांग्रेस ने करीब 10 मिनट के अंदर दो ट्वीट किए। पहले ट्वीट में पार्टी ने संसद सदस्यता बहाली वाला नोटिफिकेशन शेयर करते हुए लिखा, यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है। वहीं दूसरे ट्वीट में अधीर रंजन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को मिठाई खिलाते नजर आए। इसका वीडियो शेयर करते हुए पार्टी ने लिखा, राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता बहाल हो गई। ये सत्य की जीत है, भारत के लोगों की जीत है।
वहीं दूसरी ओर इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को MP/MLA कोर्ट ने 5 अगस्त को 2 साल की जेल और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। उन्हें बिजली सप्लाई करने वाली कंपनी के टोरंट अधिकारी से मारपीट और बलवा करने का दोषी करार दिया गया। कठेरिया केंद्रीय राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। घटना के समय वे आगरा के सांसद थे। मामला 16 नवंबर 2011 का है। 2 साल की सजा होने के बाद कठेरिया की संसद की सदस्यता खत्म की गई है। इस पर सोमवार को स्पीकर नें फैसला सुनाया।