मनपा चुनाव में हार के डर से चुनाव नहीं करवा रहा है सत्ता पक्ष। सभी कर्मों का प्रायश्चित यहीं होता है – अनिल परब
जाँच एजेंसियों के दुरूपयोग को लेकर विधान परिषद में सत्तारूढ़ भाजपा पर जम कर बरसे युबीटी विधायक
योगेश पाण्डेय – संवाददाता
मुंबई – विपक्षी दल इस बात की आलोचना कर रहे हैं कि सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है। इसे लेकर विपक्षी दलों की ओर से भाजपा पर गंभीर आरोप भी लगाए जा रहे हैं। इसका असर विधानसभा के मानसून सत्र में भी देखने को मिला। ठाकरे समूह के विधायक और पूर्व मंत्री अनिल परब ने सत्तारूढ़ दल की जांच पर पलटवार करते हुए विधान परिषद में कहा कि सारा हिसाब-किताब यहीं होता है।
अनिल परब ने यह भी कहा कि ईडी की जांच चल रही है तो उनके परिवार को परेशान किया जा रहा है। जो लोग सोने का चम्मच लेकर राजनीति में आते हैं उनके लिए सब कुछ ठीक है,लेकिन हम सड़कों पर लड़कर, विवाद कर, आंदोलन करके, पुलिस की लाठियाँ खाकर यहां तक आए हैं। मुझे कोई दिक्कत नहीं,उठाओ और जेल में डाल दो, लेकिन हमारे परिवार को कष्ट मत पहुंचाओ।
आगे अनिल परब ने सत्ताधारियों को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि आज तुम जो चाहो कर सकते हो, आज हमारा परिवार कष्ट झेल रहा है। लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करूँगा कि आपके परिवार को ऐसा कष्ट न सहना पड़े। अपने परिवार के लिए कष्ट का द्वार मत खोलिये। आपके बच्चे भी स्कूल जाते हैं, जब उन्हें पुलिस थाने में बुलाकर चार-चार घंटे बैठाया जाएगा तो पता चलेगा कि कष्ट क्या होता है? पुलिस नें मेरी बेटी से पूछा कि तुम्हारे पापा कहां बैठे हैं? याद रखें, जैसा करोगे वैसा पाओगे। हर कृत्य का हिसाब यहीं होगा।
इस बीच परब ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल को मुंबई महानगर पालिका चुनाव में हार का डर सता रहा है। मुंबई महानगर पालिका चुनाव नहीं हो रहे हैं,मुंबई महानगर पालिका में प्रशासक डेढ़ साल से काम कर रहा है। सत्ता पक्ष यह क़ह ढा है कि चुनाव नहीं हो सकते क्योंकि महाविकास अघाड़ी सरकार कोर्ट चली गई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने माविआ के फैसले को बरकरार रखा है। सरकार को शायद डर था कि अगर 236 वार्डों में चुनाव हुआ तो उसकी हार हो सकती है, इसीलिए 227 वार्डों को कानून में संशोधित किया गया है।